Wednesday, December 11, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम रद्द किया, कहा- चंदे की जानकारी न देना असंवैधानिक, वोटर्स को जानने का हक

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम रद्द किया, कहा- चंदे की जानकारी न देना असंवैधानिक, वोटर्स को जानने का हक

केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि दो अलग-अलग फैसले हैं। एक उनके द्वारा लिखा गया और दूसरा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा और दोनों फैसले सर्वसम्मत हैं।

Reported By : Gonika Arora Written By : Mangal Yadav Published : Feb 15, 2024 10:55 IST, Updated : Feb 15, 2024 11:48 IST
सुप्रीम कोर्ट- India TV Hindi
Image Source : ANI सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने गुमनाम चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने चुनावी बांड योजना को अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन और असंवैधानिक माना है। अदालत ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बैंक तत्काल चुनावी बॉन्ड जारी करना बंद कर दें। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एसबीआई राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए चुनावी बॉन्ड का ब्योरा पेश करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसबीआई भारत के चुनाव आयोग को विवरण प्रस्तुत करेगा और ECI इन विवरणों को वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।

चंदे की जानकारी न देना असंवैधानिक 

कोर्ट ने कहा कि चंदे की जानकारी न देना असंवैधानिक है। इसके साथ ही यह सूचना के अधिकार का उल्लंघन भी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वोटर्स को यह जानने का हक है कि पार्टियों को किसने चंदा दिया। केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना की कानूनी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि दो अलग-अलग फैसले हैं। एक उनके द्वारा लिखा गया और दूसरा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना द्वारा और दोनों फैसले सर्वसम्मत हैं।

चंदा देने वालों के नाम का खुलासा होना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कॉर्पोरेट योगदानकर्ताओं के बारे में जानकारी का खुलासा किया जाना चाहिए क्योंकि कंपनियों द्वारा दान पूरी तरह से बदले के उद्देश्य से है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि गुमनाम चुनावी बॉन्ड योजना अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राजनीतिक दल चुनावी प्रक्रिया में प्रासंगिक इकाइयां हैं और चुनावी विकल्पों के लिए राजनीतिक दलों की फंडिंग के बारे में जानकारी आवश्यक है।  

सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को दिए ये आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को आदेश दिया है कि बैंक अदालत को इलेक्ट्रोरल बांड के बारे में जानकारी दे। एसबीआई चुनावी बांड जारी करना तुरंत रोके। कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक दल बताएं कि चुनावी बांड से उन्हें कितना पैसा मिला।  कोर्ट ने एसबीआई 6 मार्च तक सभी विवरण जमा करने का निर्देश दिया। 15 दिन के भीतर सभी इलेक्ट्रोरल बॉन्ड राजनीतिक दलों द्वारा खरीदारों को वापस कर दिए जाएंगे।

 

प्रशांत भूषण ने दी ये जानकारी

वकील प्रशांत भूषण का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है और इसे लागू करने के लिए किए गए सभी प्रावधानों को रद्द कर दिया है। उन्होंने माना है कि यह नागरिकों के यह जानने के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। उन्होंने कंपनियों द्वारा राजनीतिक दलों को दिए जा रहे असीमित योगदान को भी खत्म कर दिया है। 

 

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement