Friday, March 29, 2024
Advertisement

धर्म के आधार पर अगर कांग्रेस देश का विभाजन ना करती तो इस बिल की जरूरत नहीं पड़ती: अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। इस दौरान शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने किया, इसी वजह से इस बिल की जरूरत पड़ी।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 09, 2019 13:49 IST
Amit Shah- India TV Hindi
Amit Shah

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किया। इस दौरान शाह ने कहा कि इस देश का विभाजन धर्म के आधार पर कांग्रेस पार्टी ने किया, इसी वजह से इस बिल की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि इस बिल में किसी मुस्लिम का अधिकार नहीं लिया गया है। काफी सारे लोगों को नागरिकता मिली भी है और नियमों के अनुसार ऐप्लिकेशन करने पर आगे भी मिलेगी। बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करने को समर्थन में 293, जबकि विरोध में 82 वोट पड़े।

शाह ने कहा, ''ऐसा नहीं है कि पहली बार सरकार नागरिकता के लिए कुछ कर रही है। कुछ सदस्यों को लगता है कि समानता का आधार इससे आहत होता है। इंदिरा गांधी ने बांग्लादेश से आए लोगों को नागिरकता देने का निर्णय किया। पाकिस्तान से आए लोगों को नागरिकता फिर क्यों नहीं दी गई। आर्टिकल 14 की ही बात है तो केवल बांग्लादेश से आने वालों को क्यों नागरिकता दी गई। समानता के आधिकार के कानून दुनियाभर में है। क्या आप वहां जाकर नागरिकता ले सकते हैं? वो ग्रीन कार्ड देते हैं, निवेश करने वालों, रिसर्च और डिवेलपमेंट करने वालों को देते हैं। रिजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर ही वहां भी नागरिकता दी जाती है। रिजनेबल क्लासिफिकेशन के आधार पर इस देश में आर्टिकल 14 रहते हुए कई कानून बने हैं।''

गृहमंत्री ने कहा, ''इस बिल के अंदर भारत की जमीनी सीमाओं से सटे हुए 3 देश बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान का जिक्र है। अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश राज्य का आधिकारिक धर्म इस्लाम है। इन देशों में अल्पसंख्यकों पर काफी अत्याचार हुए हैं।''

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement