Sunday, April 28, 2024
Advertisement

पशुओं की ख़रीद फ़रोख़्त की अधिसूचना पर मेघालय ने भी किया केंद्र का विरोध

पशु बाज़ार में पशुओं की ख़रीद और बिक्री पर केन्द्र की अधिसूचना पर पूर्वोत्तर राज्यों में ख़ासा रोष पैदा हो गया है और कई राज्य इसे वापस लेने की मांग को लेकर एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं।

India TV News Desk India TV News Desk
Published on: June 03, 2017 12:14 IST
Mukul Sangma- India TV Hindi
Mukul Sangma

शिलोंग: पशु बाज़ार में पशुओं की ख़रीद और बिक्री पर केन्द्र की अधिसूचना पर पूर्वोत्तर राज्यों में ख़ासा रोष पैदा हो गया है और कई राज्य इसे वापस लेने की मांग को लेकर एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में मेघालय के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पशु व्यापार और पशुवध के लिए केंद्र सरकार के नए कानून के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह किया है। 

संगमा ने शुक्रवार रात लिखे अपने पत्र में कहा कि पशुओं के प्रति क्रूरता रोकथाम (पशुधन बाजार विनियमन) नियम 2017 राज्य सूची की सूची-2 की विषयसामग्री नियमित करने के राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन है। संगमा के मुताबिक, "केंद्र को पशु बाजारों के नियमों में बदलाव संबंधी प्रस्ताव से पहले राज्यों से इस संदर्भ में चर्चा करनी चाहिए थी।"

संगमा ने इस कदम को राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन बताया और कहा कि इसका मिलकर विरोध करना जरूरा है। कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में कहा, "राज्य सरकारों को इस तरह के कदम उठाने के लिए केंद्र सरकार को रोकना चाहिए, क्योंकि इस तरह के कदम देश के संघीय ढांचे को कमजोर करते हैं।"

उन्होंने सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की बात भी कही। 

इस मामले पर मेघालय की विपक्षी पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की भी अपनी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से अलग राय है और उसने इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। 

इस बीच, लोकसभा में एनपीपी के एकमात्र सांसद कॉनराड के. संगमा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और पर्यावरण मंत्रालय को निर्देश देने का अनुरोध किया है कि वे लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस नए नियम को अधिसूचित नहीं करे। 

कॉनराड ने मोदी को लिखे खुले पत्र में कहा है कि पशु व्यापार पर प्रतिबंध लगाने वाले नए कानून से लाखों लोगों की विशेषकर कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों और संबंधित उद्योगों के सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक परिवेश पर प्रभाव पड़ेगा। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement