Saturday, April 20, 2024
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नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी दल 8 नवम्बर को मनाएंगे काला दिवस

विपक्षी दलों ने मंगलवार को कहा कि वे एक साल पहले सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले के विरोध में आठ नवम्बर को काला दिवस मनाएंगे। बीते साल इसी तारीख को नोटबंदी हुई थी।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 24, 2017 21:35 IST
opposition leaders- India TV Hindi
Image Source : PTI opposition leaders

नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने मंगलवार को कहा कि वे एक साल पहले सरकार द्वारा लिए गए नोटबंदी के फैसले के विरोध में आठ नवम्बर को काला दिवस मनाएंगे। बीते साल इसी तारीख को नोटबंदी हुई थी। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं को बताया कि सभी विपक्षी दल संयुक्त रूप से आठ नवम्बर को विमुद्रीकरण के खिलाफ विरोध दर्ज कराएंगे। आजाद ने याद दिलाया कि सरकार ने पिछले साल नोटबंदी करने के बाद किस तरह बार-बार नियमों में बदलाव किए।

उन्होंने कहा, "नोटबंदी सरकार का एक गलत ढंग से और जल्दबाजी में लिया गया फैसला था। यह शायद पूरी दुनिया में अभूतपूर्व है कि किसी सरकार को एक माह में 135 बार अपनी नीति में बदलाव करना पड़ा।" विपक्षी दलों द्वारा 8 नवम्बर को काले दिन के रूप में मनाने का फैसला सोमवार को एक समन्वय बैठक में लिया गया, जिसमें जद-यू के बागी नेता शरद यादव, माकपा सांसद डी. राजा, डीएमके सांसद कनिमोझी, बसपा के सतीश मिश्रा और तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन मौजूद थे।

आजाद ने कहा कि विरोध का कोई तरीका निर्धारित नहीं किया गया है। विभिन्न पार्टियां अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कराएंगी। इनमें प्रदर्शनों का आयोजन, जुलूस और विमुद्रीकरण से हुए नुकसान से को लेकर जनता को शिक्षित करना भी शामिल हैं। आजाद ने कहा, "आम जनता पूरे तरीके से विमुद्रीकरण के असर को नहीं पहचान पाई और न ही देख पाई थी। आम लोगों ने सोचा कि प्रधानमंत्री विमुद्रीकरण के उद्देश्य को लेकर सही हो सकते हैं। लेकिन, एक साल बाद लोग इस जल्दबाजी में लिए गए फैसले से हुए नुकसान के बारे में जानने लगे।" उन्होंने कहा कि 'भाजपा को छोड़कर तकरीबन सभी राजनीतिक दल' 8 नवम्बर को काला दिवस मना रहे हैं। 

आजाद ने कहा, "मैं यह नहीं कह रहा कि इस मुद्दे पर भाजपा भी पूरी तरह से अपवाद है क्योंकि उसके कई सांसदों और पूर्व वित्त मंत्रियों में से एक ने इस फैसले के खिलाफ बोला है। विपक्ष में सभी इस फैसले के खिलाफ हैं।" तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रयान ने जोर देते हुए कहा कि विमुद्रीकरण का एक भी उद्देशय पूरा नहीं हुआ। साथ ही ब्रायन ने नोटबंदी को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया और कहा कि बंगाल में भी इस दिन को काले दिवस को रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान शरद यादव भी उपस्थित थे। 

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