Sunday, April 28, 2024
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संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस का क्या रुख है? पार्टी की मीटिंग लिया गया ये बड़ा फैसला

कांग्रेस पार्टी की संसदीय रणनीतिक समूह की आज एक अहम बैठक हुई जिसमें देश में मौजूदा समस्याओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में संसद के विशेष सत्र पर भी चर्चा हुई।

Niraj Kumar Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Updated on: September 05, 2023 21:07 IST
कांग्रेस पार्टी के नेता- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई/फाइल कांग्रेस पार्टी के नेता

नई दिल्ली : संसद के विशेष सत्र को लेकर राजनीतिक दलों में इस बात की उत्सुकता बनी हुई है कि आखिर केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर के बीच पांच दिनों का विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है? राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चाओं के बीच आज कांग्रेस पार्लियामेंट्री स्ट्रैटेजिक कमिटी की बैठक हुई। इस बैठक में देश की ज्वलंत समस्याओं पर चर्चा होने के साथ ही संसद के विशेष सत्र पर भी चर्चा हुई। कांग्रेस का कहना है कि उसे आजतक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि संसद के विशेष सत्र में किन-किन मुद्दों पर चर्चा होगी।

सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक 

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में हुई बैठक में आर्थिक समस्या, बेरोजगारी, महंगाई, हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए नुकसान, पूर्वोत्तर में बाढ़, मणिपुर की स्थिति, अडाणी समूह से जुड़े मामले और सीमा पर चुनौती को लेकर चर्चा हुई। रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो विषय की जानकारी सभी पार्टियों को पहले से मिलती है। पार्टियों के साथ बातचीत होती है, मोटे तौर पर एक एजेंडा तय किया जाता है तो इसके बाद विशेष सत्र बुलाया जाता है। लेकिन इस बार हमने देखा कि ‘इंडिया’ की बैठक के समय इस सत्र के बारे में घोषणा की गई ताकि बैठक से ध्यान भटकाया जा सके।’’ उन्होंने दावा किया कि सत्र को लेकर पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई तथा सरकार की तरफ से ‘एकतरफा तोप’ चलायी जा रही है। 

हम चाहते हैं कि जनता के मुद्दों पर चर्चा हो-जयराम रमेश

राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक रमेश का कहना था, ‘‘यह नामुमकिन है कि सिर्फ सरकारी कामकाज हो। क्या हमारी मौजूदगी सिर्फ वाहवाह करने के लिए और प्रधानमंत्री का गुणगान सुनने के लिए है? हम चाहते हैं कि जनता के मुद्दों पर चर्चा हो।’’ उनके मुताबिक, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक मुद्दों, सीमाओं पर चुनौतियों पर भी चर्चा होनी चाहिए। रमेश ने कहा कि हम सरकार से मांग करेंगे कि सभी विषयों पर चर्चा हो।’’ उन्होंने कहा कि दोनों सदनों में जनता के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए और चर्चा के लिए बैठक तय की जा सकती हैं। रमेश ने कहा कि पांच अगस्त, 2019 की तरह नहीं होना चाहिए कि यह कहा जाए कि कोई विधेयक पेश करके उसी दिन पारित करना है। 

अहम मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस तैयार-गोगोई

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा, ‘‘ बैठक में हमने देश से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। आर्थिक समस्या, बेरोजगारी, महंगाई, हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण हुए नुकसान, पूर्वोत्तर में बाढ़ पर चर्चा हुई। मणिपुर में आज भी अस्थिरता है, लोग आज भी शिविर में हैं, हत्याएं हो रही हैं। इस बारे में भी चर्चा की गई। अडाणी समूह से जुड़े हालिया खुलासे के बारे में जांच होनी चाहिए, इसको लेकर भी बात की गई।’’ अस्थिरता उन्होंने कहा, ‘‘समाज में अस्थिरता है। इसका कारण भाजपा की विभाजनकारी नीति है। इसको लेकर चर्चा की गई है।’’ गोगोई ने दावा किया, ‘‘भाजपा स्पष्ट नहीं कर पा रही है कि सत्र का एजेंडा क्या है। सरकार को पारदर्शी होना चाहिए, उसकी जवाबदेही बनती है। लेकिन यह सरकार न तो पारदर्शी है और न ही जिम्मेदार है। इस सरकार ने देश को अंधकार में रखा है।’’ उनका कहना था, ‘‘सदन देश का है, देशवासियों से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस इन अहम मुद्दों पर चर्चा करने और अपने सुझाव देने के लिए तैयार हैं।’’ (इनपुट-भाषा)

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