केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास आठवले ने रविवार को कहा कि उनका दल ‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’ (आठवले) देश में जातिगत जनगणना कराए जाने के पक्ष में है और इसके लिए कोई न कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए। आठवले ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा कि चूंकि संविधान के अनुच्छेद 17 में जातिवाद के उन्मूलन का प्रावधान है, इसलिए सभी सरकारों के सामने हमेशा से अड़चन रही है कि जाति के आधार पर जनगणना कैसे कराई जाए? आठवले ने कहा, ‘‘मेरी पार्टी की तरफ से मांग है कि कोई न कोई मार्ग निकाला जाना चाहिए क्योंकि एक बार जाति के आधार पर जनगणना हो जाएगी तो हमें आबादी में हर जाति का प्रतिशत पता चल जाएगा।’’
रामदास आठवले बोले- जाति जनगणना का निकाला जाए रास्ता
उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में हर जाति को आबादी में उसकी हिस्सेदारी के आधार पर आरक्षण का लाभ देने का फैसला किया जाता है तो उनकी पार्टी इसका विरोध नहीं करेगी क्योंकि हर जाति में गरीब लोग होते हैं। आठवले ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मैं गांधी से पूछना चाहता हूं कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई गई?’’ केंद्रीय मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि ‘‘नीट’’ में गड़बड़ी नहीं होनी चहिए और शिक्षा मंत्रालय इस प्रवेश परीक्षा में आइंदा गड़बड़ियां रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।
आठवले बोले- गलतियां सुधार कर लड़ेंगे चुनाव
आठवले ने दावा किया कि महाराष्ट्र में अक्टूबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 288 सीट में से 170 से 180 सीट मिलेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में संविधान का मुद्दा काम नहीं आएगा। इस चुनाव में राज्य के विकास का मुद्दा मुख्य रहेगा। हमसे (लोकसभा चुनाव में) जो गलतियां हुई हैं, हम उन्हें सुधार कर चुनावी मैदान में उतरेंगे।’’
(इनपुट-भाषा)