Monday, April 29, 2024
Advertisement

सीएए-एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ में भी महिलाओं का प्रदर्शन

दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब पुराने लखनऊ में भी महिलाओं और बच्चों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को वापस लेने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू कर दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 18, 2020 10:52 IST
सीएए-एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ में भी महिलाओं का प्रदर्शन- India TV Hindi
सीएए-एनआरसी के खिलाफ शाहीन बाग की तर्ज पर लखनऊ में भी महिलाओं का प्रदर्शन

लखनऊ: दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर अब पुराने लखनऊ में भी महिलाओं और बच्चों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को वापस लेने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन शुरू कर दिया है। हाथों में सीएए और एनआरसी वापस लेने संबंधी नारे लिखे बैनर और तख्तियां लिए करीब 50 महिलाओं और बच्चों ने शनिवार शाम से पुराने लखनऊ के स्थित घंटाघर प्रांगण में शांतिपूर्ण प्रदर्शन शुरू कर दिया, जो अभी जारी है। 

Related Stories

इस प्रदर्शन की जानकारी मिलने पर पुलिस आयुक्त सुजीत पांडे अपने मातहत अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और महिलाओं को समझाने का प्रयास किया लेकिन महिलाओं ने मांग पूरी न होने तक अपना प्रदर्शन समाप्त करने से मना कर दिया। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनके इस कार्यक्रम में व्यवधान डालने के लिए रात में घंटाघर की बिजली काट दी गई और जबरदस्त ठंड से बचाव के लिए उन्हें तंबू भी नहीं लगाने दिया गया। 

बहरहाल इन मुश्किलों के बावजूद महिलाएं और बच्चे वहीं पर बैठे रहे और उनका प्रदर्शन सुबह भी जारी रहा। प्रदर्शन में शामिल युवती वरीशा सलीम ने कहा कि यह प्रदर्शन दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन की तर्ज पर ही है और जब तक एनआरसी और सीएए को वापस नहीं लिया जाता तब तक यह जारी रहेगा। 

प्रदर्शन कर रही महिलाओं का समर्थन करने पहुंची सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जाफर ने कहा कि सीएए एक असंवैधानिक क़ानून है और यह देश की आत्मा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के नाम पर पुलिस ने इन महिलाओं के बच्चों को सड़कों पर मारा, घरों में घुसकर तोड़फोड़ की और संगीन धाराएं लगाकर हिरासत में जुल्म किया। ऐसे में महिलाओं ने कहा है कि अब वह देखेंगी कि पुलिस उनका दमन करने के लिए क्या तरीके अपनाती है। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों को हिंसक बना कर जिस तरह से इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश की उसके मद्देनजर महिलाएं यह बताना चाहती हैं कि सीएए मुसलमानों के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदुस्तानियत के खिलाफ है। सदफ ने कहा कि भारत जैसे विशाल लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश की सरकार धर्म के आधार पर नागरिकता देने के बारे में सोच भी कैसे सकती है।

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement