Tuesday, April 30, 2024
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यूपी: आजम खान के खिलाफ कार्रवाई के बाद क्या अब मुख्तार अंसारी का नंबर है? क्या होगी योगी सरकार की अगली रणनीति!

आजम खान यूपी में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता हैं। लेकिन योगी सरकार के फिर से वापस आ जाने से आजम खान के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कहा जा रहा है कि अब मुख्तार अंसारी के परिवार की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

Rituraj Tripathi Written by: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Updated on: March 25, 2022 19:28 IST
Mukhtar Ansari- India TV Hindi
Image Source : (FILE PHOTO/PTI) Mukhtar Ansari 

यूपी में आज योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार सीएम के रूप में शपथ ली है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी समेत देश के कई बड़े नेता मौजूद रहे। सीएम योगी ने दूसरी बार सीएम बनकर एक नया रिकॉर्ड बनाया है, जिसके मुताबिक,  35 साल बाद ऐसा हुआ है कि किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार बहुमत मिला हो।

इस बीच जनता के बीच ये चर्चा है कि अपने दूसरे कार्यकाल में अगर योगी आदित्यनाथ ने पहले कार्यकाल की तरह ही काम किया तो कई माफियाओं के लिए मुश्किलें पैदा हो जाएंगी। इस लिस्ट में गैंगस्टर से नेता बने  मुख्तार अंसारी का भी नाम है। कहा जा रहा है कि आजम खान के बाद अब मुख्तार अंसारी का नंबर है।

आजम खान के साथ क्या हुआ?

आजम खान यूपी में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता हैं। लेकिन योगी सरकार के फिर से वापस आ जाने से आजम खान के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालही में खबर सामने आई थी कि रामपुर जिला प्रशासन ने आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा और उनके विधायक बेटे अब्दुल्लाह आजम खान के हथियारों के लाइसेंस खारिज किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

इस बारे में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आजम खान की पत्नी और बेटे पर कई आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। इसलिए उनके हथियारों के लाइसेंस खारिज किए जाने की रिपोर्ट डीएम को भेजी गई। गौरतलब है आजम खान के खिलाफ पुलिस और प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। आजम खान जेल में हैं और उनकी पत्नी भी एक साल की जेल काटकर आई हैं। यहां तक किए आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह भी 18 महीने की जेल काटकर जमानत पर बाहर आए हैं। आजम के परिवार के खिलाफ 200 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। बता दें कि आजम खान रामपुर सदर सीट से 10वीं बार विधायक चुने गए हैं।

क्या है मुख्तार अंसारी की कहानी

मुख्तार अंसारी मऊ सदर से 5 बार विधायक रहे और इस इलाके में अंसारी की अच्छी पैठ मानी जाती है। हालांकि इस बार मुख्तार ने इस सीट से अपने बेटे अब्बास अंसारी को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ाया। इस चुनाव में अब्बास ने जीत भी हासिल की लेकिन वह अपने विवादित बयानों की वजह से योगी सरकार की नाराजगी का सामना कर सकते हैं। अब्बास अंसारी ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि मैं अखिलेश यादव से कहकर आया हूं कि 6 महीने तक किसी अधिकारी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। पहले सबका हिसाब-किताब होगा। 

बीते बुधवार को ही आधी रात में मुख्तार अंसारी के घर कई थानों की पुलिस फोर्स ने दबिश दी थी। इस दौरान मुख्तार अंसारी के करीबियों के घरों को पुलिस ने खंगाला था। पुलिस का कहना था कि उन्हें शिकायत मिली है कि एमएलसी चुनाव के वोटरों को बंधक बनाया गया है। 

बता दें कि मुख्तार अंसारी को बीते साल यूपी पुलिस ने पंजाब के रोपण जेल से लाकर बांदा जेल भेजा था। 2 साल तक चले कोर्ट के दांव पेच के बाद मुख्तार को पंजाब से बांदा जेल लाने में सफलता मिली थी। उसके बाद से मुख्तार जेल में ही है। 

हालही में चुनाव प्रचार के दौरान सीएम योगी ने मुख्तार अंसारी पर हमला बोलते हुए कहा था कि मऊ के अंदर अपराध करने वाले माफिया सत्ता के संरक्षण में ऐसे काम करते थे लेकिन आज वही माफिया व्हीलचेयर पर कीड़े की तरह रेंगते हुए दिखाई देते हैं। 

अपराधियों के खिलाफ सीएम योगी जिस तरह से अभियान चला रहे हैं, उसे देखकर तो यही लगता है कि मुख्तार अंसारी और उनके परिवार की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 

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