- मंदिर में पूजा करते समय जिस आसन में आप बैठते है उसे इधर-उधर पैरों से न खिसकाए। हमेशा हाथों का इस्तेमाल करे।
- पूजन के बाद आसन छोड़ने से पहले जल जरुर अर्पण करे। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि ऐसा न करने से इंद्रदेव आपकी पूजा का फल ले लेते है।
- किसी भी प्रकार का पूजन कर रहे है तो अपने कुल देवता, कुल देवी, घर के वास्तु देवता, ग्राम देवता आदि का ध्यान और पूजन जरुर करना चाहिए।
- श्रीगणेश की 3, भगवान सूर्य की 7, विष्णुजी की 4 और शिवजी की आधी परिक्रमा करनी चाहिए।
- दीपक को हमेशा भगवान का प्रतिमा के सामने ही रखना चाहिए। कभी-कभी ऐसा होता कि भगवान की प्रतिमा के सामने दीपक न लगाकर इधर-उधर लगा दिया जाता है, जबकि यह सही नहीं है।
- घर में या मंदिर में जब भी कोई विशेष पूजा करें तो अपने इष्टदेव के साथ ही स्वस्तिक, कलश, नवग्रह देवता, पंच लोकपाल, षोडश मातृका, सप्त मातृका का पूजन जरुर करना चाहिए।
- कभी भी खंडित दीपक का इस्तेमाल नही करना चाहिए। शास्त्रों में ऐसी सामग्री को वर्जित माना गया है।
- घी के दीपक के लिए सफेद रुई की बत्ती का इस्तेमाल करना चाहिए,लेकिन तेल के दीपक के लिए लाल धागे की बत्ती श्रेष्ठ मानी जाती है।
- भगवान शिव को कभी भी हल्दी और शंक से जल नही चढाना चाहिए।
- पूजा घर के आस-पास कभी भी गंदगी और जूते-चप्पल नही रखनें चाहिए।
ये भी पढें- जानिए, शिवलिंग पर शंख से जल क्यों नहीं चढ़ाया जाता