हेल्थ डेस्क: दिल हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग होता है और कोई भी चीज इसे आसानी से नुकसान पहुंचा सकती है। जब कोई व्यक्ति भावनात्मक तनाव महसूस करता है तो व्यक्ति का दिल सबसे पहले प्रभावित होता है जो कि हार्ट अटैक का कारण बनता है। तनाव लेने से हार्ट अटैक का कारण हो सकता है। भारत में हार्ट अटैक से मरनें वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
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आज के समय में हमारी दिनचर्या का सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक बन रहा है। जिसके कारण इससे निपटने और हार्ट-हेल्दी वातावरण बनाने के लिए विश्व हार्ट डे 2016 थीम दिल को स्वस्थ रखने के लिए लोगों को जागरूक कर रही है। आज पूरे विश्व में विश्व हार्ट डे मनाया जा रहा है। इस बार विश्व हार्ट डे पर ‘हार्ट चॉइस नॉट हार्ड चॉइस’ स्लोगन लोगों को हेल्दी हार्ट के लिए प्रेरित कर रहा है। जानिए इसके लक्षण और बचने के उपायों के बारें में।
क्या है हार्ट अटैक
दिल तक खून पहुंचाने वाली किसी एक या एक से अधिक धमनियों में जमे वसा के थक्के के कारण रुकावट आ जाती है। थक्के के कारण खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। खून नहीं मिलने से दिल की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसी कारण हार्ट अटैक होता है।
लक्षण
- चेस्ट के बीच में या बाईं ओर दर्द होना है। यह दर्द अचानक या रुक-रुककर हो सकता है या फिर यह दर्द आपको गर्दन, जबड़े, कंधे और कमर में हो सकता है।
- उनींदापन, सीने में जलन महसूस होना।
- त्वचा पर चिपचिपाहट होना।
- उबकाई, उल्टी या पसीना आना।
- असामान्य रूप से थकान होना।
- हार्ट बीट तेज हो जाना और सांस आने में दिक्कत जैसी शिकायतें हो जाती हैं।
- लगातार कई महीनों तक चेस्ट पेन की शिकायत रहना भी हार्ट अटैक का एक लक्षण है।
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