Tuesday, May 07, 2024
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दिखना है हमेशा जवान तो सुबह के वक्त इस खास चीज का सेवन करना न भूलें

आंवला को हर मर्ज की दवा भी कहा जाता है। कहते हैं, बुजुर्गो की बात का और आंवले के स्वाद का पता बाद में चलता है। आंवला को प्राचीन आयुर्वेदिक प्रणाली में विभिन्न रोगों के उपचार के लिए लगभग पांच हजार साल से प्रयोग किया जा रहा है।

IANS Edited by: IANS
Updated on: December 18, 2017 12:12 IST

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नकसीर : जामुन, आम तथा आंवले को बारीक पीसकर मस्तक पर लेप करने से नासिका में प्रवृत रक्त रुक जाता है। 

स्वर भेद : अजमोदा, हल्दी, आंवला, यवक्षर, चित्राक, इनको समान मात्रा में मिला लें, 1 से 2 ग्राम चूर्ण को 2 चम्मच मधु तथा 1 चम्मच घृत के साथ चाटने से स्वर भेद दूर होता है।
 
हिचकी : आंवला रस 10-20 ग्राम और 2-3 ग्राम पीपर का चूर्ण 2 चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।

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