मानव स्वभाव है कि वह वो चाहता है जो मिल नहीं सकता और इसकी चाहत तब और बढ़ जाती है जब वो चीज़ उससे छीनी जा रही हो। अगर आपको ये सिर्फ इसलिये लगता है कि आप उससे प्रेम करते हैं क्योंकि वो शख़्स अब आपके लिये उपलबंध नही है तो जनाब/मोहतरमा ये प्रेम नहीं सिर्फ और सिर्फ जलन है।
2. वासना
वासना एक ऐसी भावना है जो आपको दीवाना बना देती है, आप तमाम हदें पार कर जाते हैं लेकिन अफ़सोस वासना प्रेम नहीं हो सकती। वासना की वजह से आप किसी से तूफ़ानी सेक्स कर सकते हैं और इसका आनंद भी उठा सकते हैं लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप उससे प्रेम भी करते हैं। अगर सिर्फ बेडरुम में ही आपकी अच्छी ठनती है तो आपको अपने संबंधों पर फिर से ग़ौर करना चाहिये।
3. आकर्षण
आकर्षण को बहुत आसानी से प्रेम समझ लिया जाता है लेकिन इन दोनों में बहुत अंतर होता है। आकर्षण ऐसी चीज़ है कि आपको लगता है कि आप सामने वाले व्यक्ति पर लट्टू हैं। आपको लगता है कि ये वो व्यक्ति है जो कब कुछ ग़लत कर ही नहीं सकता और यही आपके सपनों का राजकुमार/राजकुमारी है। अगर आप संबंधों के शुरुआती दौर में इस तरह से सेच रहे हैं तो सच मानिये ये प्रेम नहीं महज़ आकर्षण है क्योंकि आप हनीमून देख रहे हैं।
आप अभी एक दूसरे को ठीक से जानते तक नहीं हैं, अभी आपका एक बार झगड़ा बी नहीं हुआ है तो फिर प्यार कैसे हो सकता है। हमारी सलाह है ढाई आखर प्रेम का कहने के पहले ज़रा इस दोस्ती को कुछ और आगे बढ़ने दें।
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