Saturday, May 18, 2024
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MP News: 'मध्य प्रदेश में हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई क्यों बंद हो गई', कमलनाथ ने किया सवाल

MP News: कमलनाथ ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसका सभी सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि हिंदी में पढ़ाई हो, इसे लेकर किसी का कभी कोई विरोध नहीं है, हमारा भी विरोध नहीं है।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published on: October 17, 2022 23:45 IST
Kamal Nath - India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Kamal Nath

MP News: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मध्य प्रदेश में एमबीबीएस की हिंदी पुस्तकों का विमोचन किए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार से सवाल किया कि बीजेपी शासित राज्य में 2016 में हिंदी में शुरू की गई इंजीनियरिंग की पढ़ाई आखिर क्यों बंद हो गई। शाह ने रविवार को मध्य प्रदेश में देश में पहली बार हिंदी में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम की शुरुआत की। इसके अलावा, शाह ने हिंदी में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एमबीबीएस प्रथम वर्ष की तीन हिंदी पुस्तकों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो केमिस्ट्री का विमोचन भी किया। 

'असल समस्याओं एवं बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से ध्यान हटाने की कोशिश'

कमलनाथ ने रविवार शाम को जारी एक बयान में दावा किया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार वास्तविक समस्याओं एवं बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से ध्यान हटाने के लिए और जनता को गुमराह करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। उन्होंने कहा, "भोपाल स्थित अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय में 2016 में हिंदी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की शुरुआत की गई थी। उसे लेकर भी बढ़-चढ़कर दावे किए गए थे, लेकिन बाद में उस पाठ्यक्रम को बंद क्यों करना पड़ा? सरकार यह भी बताएं कि क्यों इस विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिंदी में करने की जो शुरुआत की गई थी, उसे बीच में ही बंद करना पड़ा?" 

हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसका सभी सम्मान करते हैं: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम

कमलनाथ ने कहा, "हिंदी हमारी मातृभाषा है। इसका सभी सम्मान करते हैं। हिंदी में पढ़ाई हो, इसे लेकर किसी का कभी कोई विरोध नहीं है। हमारा भी विरोध नहीं है। सरकार मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने तो जा रही है, लेकिन वह यह भी बताएं कि मध्य प्रदेश में आज स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या स्थिति है, चिकित्सकों की कितनी कमी है, इसे लेकर सरकार ने अभी तक क्या कदम उठाए हैं?" उन्होंने सवाल किया कि क्या इस कार्यक्रम से मध्य प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं सुधर जाएंगी?

मध्य प्रदेश की आबादी के हिसाब से यहां चिकित्सकों की भारी कमी है: कमलनाथ

कमलनाथ ने कहा कि स्वयं मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) की एक रिपोर्ट में यह सच्चाई सामने आई है कि मध्य प्रदेश की आबादी के हिसाब से यहां चिकित्सकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत चिकित्सकों की संख्या करीब 55,000 है और एमसीआई की तरफ से किए गए चिकित्सकों के पुनःसत्यापन में यह आंकड़ा आधे के करीब आया है। उन्होंने दावा किया कि आंकड़ों के मुताबिक, मध्यप्र देश में 3,500 लोगों पर केवल एक चिकित्सक है, जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक के मुताबिक, 1000 लोगों पर एक चिकित्सक होना चाहिए। 

अन्य राज्यों में चिकित्सकों की संख्या मध्य प्रदेश से काफी ज्यादा है: कांग्रेस नेता

कमलनाथ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, कंपाउंडर और नर्स के भरोसे ही चल रहे हैं और वहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि यदि दूसरे राज्यों से तुलना करें, तो अन्य राज्यों में चिकित्सकों की संख्या मध्य प्रदेश से काफी ज्यादा है और यहां से बड़ी संख्या में चिकित्सक अन्य राज्यों की ओर पलायन भी कर रहे हैं। 

कमलनाथ ने कहा, "इसका कारण है कि हमारे यहां की सेवा शर्तों में कई विसंगतियां है, जिन्हें ठीक करने की मांग चिकित्सक लंबे समय से कर रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है।" उन्होंने कहा कि आज हिंदी भाषा को लेकर बढ़-चढ़कर बात करने वाली राज्य सरकार यह भी बताएं कि भोपाल में सितंबर-2015 में आयोजित 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन में जो घोषणाएं की गई थी, वे अभी तक अधूरी क्यों हैं? 

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