Friday, May 10, 2024
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मध्य प्रदेश: स्टूडेंट ने पेट्रोल से प्रिंसिपल को जलाया, मौत के बाद पुलिस ने कहा-‘‘उसे तो फांसी दिलाएंगे’’

मध्य प्रदेश के इंदौर में एक कॉलेज की प्रिंसिपल के ऊपर पेट्रोल छिड़ककर छात्र ने लाइटर से आग लगा दी थी। घटना के बाद प्रिंसिपल की मौत हो गई। पुलिस ने कहा है कि छात्र को फांसी दिलाएंगे।

Kajal Kumari Edited By: Kajal Kumari
Published on: February 25, 2023 14:58 IST
student burnt principal in indore- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA इंदौर में प्रिंसिपल को पेट्रोल से जलाया, मौत

मध्य प्रदेश:  इंदौर के एक प्राइवेट फार्मेसी कॉलेज के परिसर में पूर्व छात्र ने पांच दिन पहले महिला प्राचार्य पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। बुरी तरह से जल चुकी प्राचार्य का इलाज अस्पताल में चल रहा था, जहां उनकी शनिवार की सुबह मौत हो गई।  पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) भगवत सिंह विरदे ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी दी और बताया कि सिमरोल थाना क्षेत्र स्थित बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) ने कॉलेज की प्राचार्य डॉ.विमुक्ता शर्मा (54) को इस संस्थान के परिसर में 20 फरवरी को दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना में करीब 80 प्रतिशत झुलसीं महिला प्राचार्य अस्पताल में पिछले पांच दिनों से जिंदगी और मौत का जंग लड़ रही थीं और चिकित्सकों की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी जान नहीं बचाई जा सकी और शनिवार के तड़के उनकी मौत हो गई। विरदे ने बताया कि आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव को वारदात वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था और फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है। उन्होंने बताया कि साजिश के तहत जघन्य वारदात को अंजाम देने के आरोपी के खिलाफ जिला प्रशासन ने शुक्रवार को सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया और उसे जेल भेजने का आदेश दिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महिला प्राचार्य के बयान के आधार पर श्रीवास्तव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या के प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था और प्राचार्य की मौत के बाद इसमें धारा 302 (हत्या) जोड़ दी गई है। विरदे ने कहा, ‘‘हमारे पास आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत और गवाहों के साथ ही महिला प्राचार्य का मृत्युपूर्व बयान है। हम अनुरोध करेंगे कि इस मामले को विशेष न्यायालय में चलाया जाए। हम उसे अदालत से फांसी की सजा दिलाने की कोशिश करेंगे।’’

पुलिस अधीक्षक ने आरोपी श्रीवास्तव को ‘‘शातिर’’ बताया और कहा कि उसने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसने पेट्रोल डालकर लाइटर से महिला प्राचार्य को आग लगाई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस की पूछताछ के दौरान श्रीवास्तव ने अपने किए पर अब तक कोई अफसोस नहीं जताया है। बहरहाल, बुरी तरह जलाई गईं महिला प्राचार्य की मौत के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालों का घेरा बढ़ गया है। दिवंगत महिला प्राचार्य की बेटी देवांशी कह चुकी हैं कि श्रीवास्तव ने इस जघन्य कृत्य से महीनों पहले उनकी मां को व्हाट्सऐप पर धमकी भरे संदेश भेजे थे, लेकिन पुलिस ने इस बारे में शिकायत मिलने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया।

उधर, पुलिस अधीक्षक विरदे ने कहा, ‘‘महिला प्राचार्य या उनके महाविद्यालय की ओर से हमें जो शिकायतें मिली थीं, उनमें मूल रूप से यह बात कही गई थी कि श्रीवास्तव उन्हें आत्महत्या की धमकी दे रहा है। हम इन शिकायतों की जांच में लापरवाही पर एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) को पहले ही निलंबित कर चुके हैं।’’ उन्होंने बताया कि महिला प्राचार्य को जलाने के मामले की विस्तृत जांच का जिम्मा एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) को सौंपा गया है। पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘‘अगर पिछले महीनों में प्राचार्य की ओर से की गई शिकायत की जांच में किसी अन्य पुलिस कर्मी की लापरवाही पाई गई, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

गौरतलब है कि पुलिस ने वारदात की वजह को लेकर श्रीवास्तव से शुरुआती पूछताछ के हवाले से बताया था कि उसने बी. फार्मा. की परीक्षा जुलाई 2022 में उत्तीर्ण कर ली थी, लेकिन कई बार मांगे जाने के बावजूद बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी का प्रबंधन उसे उसकी अंकसूची नहीं दे रहा था। बहरहाल, श्रीवास्तव के इस दावे को महाविद्यालय प्रबंधन गलत बता रहा है। प्रबंधन का कहना है कि कथित तौर पर आपराधिक प्रवृत्ति का यह पूर्व छात्र कई बार सूचना दिए जाने के बाद भी अपनी अंकसूची लेने महाविद्यालय नहीं आ रहा था। 

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