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मराठा आरक्षण की घोषणा के बाद भी भूख हड़ताल नहीं खत्म करेंगे मनोज जरांगे, बताया कारण

मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश और पारित किए गए आरक्षण विधेयक का स्वागत किया, लेकिन तर्क दिया कि जो आरक्षण प्रस्तावित किया गया है वह समुदाय की मांग के अनुसार नहीं है।

Written By: Subhash Kumar @ImSubhashojha
Published : Feb 20, 2024 19:27 IST, Updated : Feb 20, 2024 19:48 IST
जरांगे की भूख हड़ताल जारी।- India TV Hindi
Image Source : ANI जरांगे की भूख हड़ताल जारी।

महाराष्ट्र विधानसभा में मंगलवार को मराठा आरक्षण विधेयक एकमत से पास कर दिया गया। बता दें कि अब मराठा समुदाय के लोगों को महाराष्ट्र में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में कहा कि मैं राज्य का सीएम हूं और सभी के आशीर्वाद से काम करता हूं। हम जाति या धर्म के आधार पर नहीं सोचते हैं। हमारे प्रधानमंत्री हमेशा कहते हैं सबका साथ, सबका विकास। हालांकि, दूसरी ओर मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख मनोज जरांगे पाटिल ने इस फैसले का स्वागत तो किया लेकिन अपनी हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया। उन्होंने इस फैसले का कारण भी बताया है। 

मांग के अनुसार नहीं है आरक्षण- जरांगे

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा में पेश और पारित किए गए आरक्षण विधेयक का स्वागत किया, लेकिन तर्क दिया कि जो आरक्षण प्रस्तावित किया गया है वह समुदाय की मांग के अनुसार नहीं है। जरांगे ने कहा कि हमें आरक्षण चाहिए जिसके हम हकदार हैं। उन लोगों को ओबीसी के तहत आरक्षण दें जिनके कुनबी होने का प्रमाण मिल गया है। और जिनके पास कुनबी होने का प्रमाण नहीं है, उनके लिए 'सेज सोयरे' कानून पारित करें।

जरांगे ने कल बुलाई बैठक

मनोज जरांगे पाटिल ने बुधवार को दोपहर 12 बजे मराठा समुदाय की बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा कि मैं अधिक से अधिक लोगों से बैठक के लिए अंतरवली सारती पहुंचने की अपील करता हूं। मैं सेज सोयरे को लागू करने की अपनी मांग पर कायम। उन्होंने कहा कि मैं आरक्षण का स्वागत करता हूं लेकिन जो आरक्षण दिया गया है वह हमारी मांग के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण से मराठा के केवल 100 -150 लोगों को लाभ होगा, हमारे लोग आरक्षण से वंचित रहेंगे। इसलिए मैं सेज सोयरे को लागू करने की मांग कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के अगले दौर की घोषणा कल की जाएगी।

मराठा समुदाय की मदद करना है उद्देश्य- सीएम शिंदे

विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि इस सत्र का उद्देश्य मराठा समुदाय की मदद करना है। उन्होंने कहा कि हम राज्य में ओबीसी के मौजूदा कोटा को छुए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण देना चाहते हैं। विधेयक में कहा गया है कि महाराष्ट्र की कुल आबादी में मराठों की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत है। इसमें कहा गया है कि बड़ी संख्या में जातियां और समूह पहले से ही आरक्षित श्रेणी में हैं, जिन्हें कुल मिलाकर लगभग 52 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। इसमें कहा गया है कि मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में रखना पूरी तरह से अनुचित होगा। 

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