Thursday, May 02, 2024
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नवाब मलिक के नाम पर महायुति में खटपट? देवेंद्र फडणवीस ने अजित पवार को लिखी चिट्ठी

NCP नेता नवाब मलिक की संभावित एंट्री को देखते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार में अपने साथी अजित पवार को एक पत्र लिखकर इस कदम पर एतराज जताया है।

Reported By : Dinesh Mourya Edited By : Vineet Kumar Singh Updated on: December 07, 2023 19:17 IST
Devendra Fadnavis, Ajit Pawar, Nawab Malik- India TV Hindi
Image Source : FILE देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार।

नागपुर: महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन महायुति में NCP नेता नवाब मलिक की संभावित एंट्री को लेकर खटपट के आसार नजर आ रहे हैं। नवाब मलिक आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों के बीच बैठे नजर आए थे, जिसके बाद सूबे के उपमुख्यमंत्री एवं बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने दूसरे डिप्टी सीएम अजित पवार को चिट्ठी लिखी है। पत्र में फडणवीस ने लिखा है कि सत्ता आती-जाती रहती है लेकिन देश अहम है। साथ ही उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि नवाब मलिक से उनकी कोई ‘दुश्मनी’ नहीं है।

देवेंद्र फडणवीस ने पत्र लिखकर जताया एतराज

नवाब मलिक को महायुति में लेने के सवाल पर नाराजगी जताते हुए फडवीस ने अजित पवार को एक पत्र भी लिखा। देवेंद्र फडणवीस ने पत्र में लिखा, 'आज पूर्व मंत्री और विधानसभा के सदस्य नवाब मलिक ने विधानसभा के कामकाज में हिस्सा लिया यह उनका अधिकार है। उनके लिए हमारे मन में कोई द्वेष या शत्रुता नहीं है, यह मैं प्रारंभ में ही स्पष्ट करना चाहता हूं। लेकिन जिस तरह के आरोप उन पर लगे हुए हैं उसके मद्देनजर नवाब मलिक को महायुति में लेना उचित नहीं होगा, ऐसा हमारा मत है। नवाब मलिक को फिलहाल स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिली हुई है। उन पर लगे हुए आरोप अभी तक सिद्ध नहीं हुए हैं इसीलिए आप उनका स्वागत कर सकते हैं। लेकिन ऐसे आरोप लगे होने की वजह से उन्हें महायुति में लेना उचित नहीं होगा यह मेरा स्पष्ट मत है।'

अजित पवार ने नहीं दिया कोई साफ जवाब

फडणवीस ने पत्र में आगे लिखा, 'किस व्यक्ति को पार्टी में लेना है यह आपका अधिकार है, इस बात को हम कबूल करते हैं। लेकिन किसी की व्यक्ति की वजह से महायुति में बाधा ना पैदा हो, इस बारे में सभी साथी दलों को सोचना चाहिए। नवाब मलिक को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने के बावजूद उन्हें मंत्री पद पर कायम रखने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री और महाविकास आघाडी के विचारों से हम सहमत नहीं हो सकते हैं। आप हमारी भावनाओं का ख्याल रखेंगे ऐसी उम्मीद है।' वहीं, इस सवाल पर कि ‘नवाब मलिक किस गुट में हैं’ का सीधा जवाब न देते हुए अजित पवार ने कहा था कि कौन कहां बैठेगा यह तय करने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को है। उन्होंने कहा कि नवाब मलिक किसे समर्थन देना चाहते है ये वह खुद तय करेंगे।

सत्ताधारी विधायकों के साथ बैठे थे मलिक

नवाब मालिक आज सत्ताधारी विधायकों के साथ पीछे की कुर्सी पर जाकर बैठे थे। सूत्रों की मानें तो नवाब मलिक भले ही अपनी ओर से कुछ भी साफ-साफ न कह रहे हों, लेकिन उनका यूं सत्ताधारी विधायको के साथ बैठना यह स्पष्ट करता है कि वह अजित पवार गुट को अघोषित समर्थन दे चुके हैं। आपको बता दें कि नवाब मालिक पर कुर्ला की एक जमीन ‘गोवावाला कंपाउंड’ में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी दाउद इब्राहिम से संबध रखने का मामला सामने आया था और इस सिलसिले में उन्हें ED ने गिरफ्तार भी किया था। एक साल से भी ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद कोर्ट में उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी थी।

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