मुंबई के चिड़ियाघर में नवजात पेंगुइन चूजों के अंग्रेजी नामकरण पर विवाद शुरू हो गया है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र की धरती पर जन्में इन पेंगुइन के बच्चों के नाम अंग्रेजी में क्यों रखे गए हैं। इसे लेकर भाजपा ने उद्यान अधीक्षक को पत्र भी लिखा है। भाजपा ने कहा है कि पेंगुइन के बच्चों के नाम अंग्रेजी में रखने का कदम मराठी भाषा के प्रति उद्यान प्रशासन की नफरत को दर्शाता है। आइए जानते हैं इस पूरे विवाद के बारे में।
क्या है पेंगुइन के बच्चों के नाम?
दरअसल, जीजाबाई भोंसले प्राणी संग्रहालय के उद्यान अधीक्षक को भेजे गए एक पत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नवजात पेंगुइन के बच्चों के अंग्रेजी नामकरण पर कड़ी आपत्ति जताई है। पत्र में बताया गया है कि वर्ष 2017 में मुंबई महानगरपालिका द्वारा रानीबाग, भायखला में लाए गए आठ पेंगुइनों ने मार्च 2025 में तीन नए बच्चों को जन्म दिया, जिनके नाम प्रशासन ने अंग्रेजी में नॉडी, टॉम और पिंगू रखे हैं।
यहां समझें विरोध का कारण
भाजपा की ओर से भेजे गए पत्र में यह सवाल उठाया गया है कि महाराष्ट्र की धरती पर जन्में इन पेंगुइन चूज़ों के नाम अंग्रेजी में क्यों रखे गए, जबकि हाल ही में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा भी मिला है। भाजपा ने इसे मराठी भाषा के प्रति उद्यान प्रशासन की नफरत बताया है और मांग की है कि इन चूज़ों के मराठी नाम रखे जाएं ताकि उन्हें एक नई पहचान मिल सके।
क्यों बड़ा हो सकता है विवाद?
भाजपा ने पत्र में चेतावनी भी दी है कि अगर प्रशासन ने मराठी विरोधी रुख जारी रखा, तो भाजपा मजबूत आंदोलन करेगी और इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा। इस पत्र की प्रतिलिपि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, पालक मंत्री, मुंबई नगर निगम के अधिकारियों सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजी गई है। बता दें कि यह मामला मुंबई के सांस्कृतिक और भाषाई सम्मान के संदर्भ में नया विवाद खड़ा कर सकता है।
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