Friday, December 05, 2025
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'हम ब्रिज के नीचे दबे थे, लोग मदद करने की जगह रील्स बना रहे थे', इंद्रायणी नदी पर पुल हादसे के पीड़ित का दावा

'हम ब्रिज के नीचे दबे थे, लोग मदद करने की जगह रील्स बना रहे थे'। इंद्रायणी नदी पर पुल गिरने के हादसे के पीड़ित ने चौंकाने वाला दावा किया है।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Subhash Kumar Published : Jun 16, 2025 06:25 pm IST, Updated : Jun 16, 2025 10:16 pm IST
इंद्रायणी नदी पुल हादसा।- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंद्रायणी नदी पुल हादसा।

पुणे की इंद्रायणी नदी पर बने ब्रिज के गिरने से हुए हादसे में चार लोगों की मौत हुई है। वहीं, इस हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। जो गंभीर रूप से घायल हैं उनका तलेगांव के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। तलेगांव के अथर्व अस्पताल में कुल 11 पेशंट एडमिट हैं जिनमें से चार जनरल वार्ड तो वहीं, सात गंभीर रूप से घायल लोग आईसीयू में हैं। एक की हालत क्रिटिकल है जो आईसीयू में है बाकी सभी खतरे से बाहर हैं। जो लोग इस हादसे के वक्त ब्रिज पर मौजूद थे, हादसे का शिकार बने, जो मौत को करीब से चकमा देकर आए उन्होंने बताया कि ये हादसा क्यों हुआ, कैसे हुआ और वहां कितना ख़ौफनाक मंजर था...

'लोग मदद करने के बजाए रील्स बना रहे थे'

हादसे के वक्त योगेश भांडवाले और शिल्पा भांडवाले वहां घूमने गए थे। पत्नी बात करने की स्थिति में नहीं है पर योगेश ने बताया कि "लोग सेल्फी रील्स के चक्कर में खुद की और दूसरों की जान को खतरे में डाल रहे थे। साथ ही ये असंवेदनशीलता भी सामने आई कि हम ब्रिज के नीचे दबे थे तो लोग मदद करने के बजाए रील्स बना रहे थे। बोर्ड लगा था पर भीड़ के कारण दिखाई नहीं दिया। साथ ही बाइक सवार भी दोनों तरफ से ब्रिज पर पहुंचे। कोई किसी की सुन नहीं रहा था।"

क्यों हुआ ये हादसा?

हादसे का शिकार हुए अशोक भेगड़े और उनके बेटे आकाश भेगड़े आईसीयू में एडमिट हैं। उन्होंने बताया कि "यह सब हादसा सेल्फी और तस्वीरें लेने के चक्कर में और भीड़ के कारण हुआ। बोर्ड लगा है पर पुलिस भी कम संख्या में थी। हादसे के वक्त करीबन डेढ़ सौ से ज़्यादा लोग ब्रिज पर थे। मैं और मेरा भाई ब्रिज से जा रहे थे। मेरा भाई आगे निकल गया। मुझे चलने की दिक्कत थी तो मैं आराम से आ रहा था, तभी ब्रिज टूटा। फिर मुझे स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू किया।"

एक और पीड़ित ने बताई आपबीती

दिल्ली के रहने वाले सुनील कुमार अस्पताल के जनरल वार्ड में एडमिट हैं। उन्होंने बताया कि "वह पुणे मावल में अपनी बहन और उनकी बेटी के साथ घूमने आए थे। तीनों ब्रिज पर थे, ब्रिज टूट गया। हमें रेस्क्यू कर बचाया गया। बोर्ड लगा था पर हमने देखा नहीं। ब्रिज टूटा, मैं ब्रिज के लोहे के ग्रिल में फंसा, मेरा पैर फंस गया। मेरी बहन को कई फ्रैक्चर्स हुए, उनकी बेटी को भी चोटे लगीं। ब्रिज पर सौ डेढ़ सौ लोग होने का बाद बाइक सवार अलग से थे। लोग तस्वीर-सेल्फी ले रहे थे। लोगों को प्रशासन और सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए।"

जानें कैसे हुआ हादसा

दरअसल, रविवार को वीकेंड पर पुणे से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुंडमाला के पास बड़ी संख्या में सैलानी इकट्ठा हुए थे। इंद्रायणी नदी में बहाव काफी तेज था जिसे देखने के लिए लोग पुल पर चढ़ गए। इस दौरान कई बाइक सवार लोग भी पुल पर पहुंच गए। भीड़ के भारी दवाब के कारण पुल नदी में गिर गया। इसमें कई लोग बह गए।

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