Thane Municipal Corporation Elections: ठाणे महानगरपालिका चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी एकनाथ शिंदे की शिवसेना के बीच सीट बंटवारे पर टकराव बढ़ता जा रहा है। अभी तक दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है जबकि कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। दोनों दल सीट बंटवारे को लेकर किसी एक बिंदु पर सहमत नजर नहीं आ रहे हैं जिससे चुनाव प्रचार में भी देरी हो रही है।
किस बात पर को लेकर फंसा पेंच?
दरअसल, ठाणे शहर को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। ठाणे महानगरपालिका में कुल 131 सीटें है। बीजेपी ठाणे शहर में 40-45 सीटों पर लड़ना चाहती है लेकिन शिंदे सेना बीजेपी को इतनी सीटें देने के लिए तैयार नहीं है। दोनों दलों के बीच कई दौर की बातचीत के बावजूद शिंद की शिवसेना बीजेपी को 25-30 सीटों से ज्यादा देने के लिए राजी नहीं है।
ज्यादा सीटें मांगने के पीछे बीजेपी का क्या है तर्क?
40-45 सीटें मांगने के पीछे बीजेपी की दलील है कि ठाणे शहर में उनकी ताकत बढ़ी है, ऐसे में वो ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। सीट बंटवारे का मसला हल नहीं होने की वजह से चुनाव प्रचार में देरी हो रही है। इसी देरी से चिंतित दोनों दलों ने अब स्वतंत्र प्रचार शुरू कर दिया है।
बीजेपी ने 'नमो भारत नमो ठाणे' के पोस्टर्स लगाए
ठाणे में आज एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे की नुक्कड़ सभा होने वाली है तो वहीं बीजेपी ने पूरे शहर में 'नमो भारत नमो ठाणे' के पोस्टर्स लगाए हैं। अहम बात ये है कि इस पोस्टर में भगवा शॉल ओढ़े सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है और पूरा पोस्टर भगवा रंग में है।
बता दें कि ठाणे मराठी बहुल इलाका है। ठाकरे बंधु (उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे)यहां मराठी अस्मिता के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहें है लेकिन बीजेपी चुनाव प्रचार का सबसे बड़ा मुद्दा हिंदुत्व को बनाने का प्रयास कर रही है।
कब होगी वोटिंग और कब आएंगे नतीजे?
बता दें कि महाराष्ट्र में नगर पालिका (Municipal Council) और नगर पंचायत के चुनाव हाल ही में संपन्न हुए हैं जिसमें महायुति ने बंपर जीत हासिल की है। अब बारी है बड़ी महानगर पालिकाओं (Municipal Corporations) के चुनाव की। मुंबई (BMC), पुणे (PMC), और ठाणे जैसी 29 बड़ी महानगर पालिकाओं के लिए वोटिंग 15 जनवरी को होगी और इसके नतीजे 16 जनवरी को घोषित होंगे।