मुंबई: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर बड़े फेरबदल की आहट सुनाई दे रही है। शिवसेना-यूबीटी के दिग्गज नेता संजय राउत ने रविवार को संकेत दिया कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे (MNS) के साथ गठबंधन लगभग तय हो चुका है। निकाय चुनावों की गहमागहमी के बीच संजय राउत ने कहा कि वार्ता अंतिम चरण में है और अगले दो से तीन दिनों में इसका आधिकारिक ऐलान किया जा सकता है।
मुंबई समेत राज्य के 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं। संजय राउत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमारा मानना है कि रविवार को हुई बैठक आखिरी थी। मनसे के साथ गठबंधन को लेकर दो-तीन दिन में औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी।" राउत ने जोर देकर कहा कि मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों में भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए विपक्षी ताकतों का एकजुट होना अनिवार्य है।
कांग्रेस की आपत्ति बनी रोड़ा?
हालांकि, महा विकास आघाडी (MVA) में सब कुछ सामान्य नहीं दिख रहा है। संजय राउत ने स्वीकार किया कि कांग्रेस को राज ठाकरे की मनसे के साथ गठबंधन करने पर कुछ बुनियादी आपत्तियां हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने मनसे को लेकर अपनी चिंता जताई है। हमने उन्हें समझाने की कोशिश की है कि भाजपा जैसी शक्ति को हराने के लिए मतभेदों को किनारे रखकर साथ आना जरूरी है।"
एकला चलो की राह पर कांग्रेस?
राउत के बयानों के विपरीत, कांग्रेस के तेवर अलग नजर आ रहे हैं। कांग्रेस महासचिव और महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने स्पष्ट किया है कि पार्टी कार्यकर्ता मुंबई (BMC) चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने के पक्ष में हैं। उन्होंने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस मुंबई के 'धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने' की रक्षा के लिए अकेले चुनाव लड़ने को दृढ़ संकल्पित है। कांग्रेस भ्रष्टाचार, स्वास्थ्य और प्रदूषण जैसे मुद्दों पर जनता के बीच जाने की तैयारी कर रही है।
15 जनवरी को महामुकाबला
मुंबई और अन्य 28 नगर निगमों के लिए मतदान 15 जनवरी को होगा और अगले ही दिन यानी 16 जनवरी को परिणाम घोषित किए जाएंगे। यदि शिवसेना (UBT) और मनसे साथ आते हैं, तो यह न केवल ठाकरे परिवार का पुनर्मिलन होगा, बल्कि मुंबई के मराठी वोटों के समीकरण को भी पूरी तरह बदल सकता है।
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