उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने नोएडा में व्यावसायिक भूखंडों की सर्किल दर में 21.5 प्रतिशत कटौती करने और जिले में आवासीय परियोजनाओं पर छः प्रतिशत अधिभार समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है।
देश के सात प्रमुख शहरों में 1.15 लाख घर खरीदार अधर में लटके हुए हैं क्योंकि डेवलपर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की इकाइयों का कब्जा देने में नाकाम रहे हैं।
केन्द्र सरकार ने गुरुवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन में मकान खरीदारों के हितों की रक्षा को उचित महत्व दिया गया है, जिससे घर खरीदने वालों को मदद मिलेगी।
बिल्डरों को अब बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है।
एनारॉक ने 2019 की पहली छमाही में उपभोक्ता रुख सर्वेक्षण में कहा कि रीयल एस्टेट कानून रेरा और जीएसटी की दरों में कमी से लोगों का नई संपत्तियों पर भरोसा वापस से जगाने में मदद मिली है।
आम्रपाली के दस्तावेजों से पता चलता है कि समूह की एक कंपनी द्वारा घर खरीदारों से प्राप्त धन में से करीब 100 करोड़ रुपए की राशि गौरीसूत इंफ्रास्ट्रक्चर्स प्राइवेट लिमिटेड को हेराफेरी से पहुंचाई गई।
उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) ने ‘निवेशकों से धोखाधड़ी’ करने और न्यायालय के साथ ‘ओछा खेल खेलने’ के लिये आम्रपाली समूह को आज फटकार लगाई और उसकी 40 फर्मों के सारे बैंक खाते तथा चल संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया।
दिल्ली और एनसीआर में अब गुरुग्राम नहीं बल्कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा घर खरीदारों की पहली पसंद बन गया है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बीते 3 महीने यानि अप्रैल से जून 2018 के दौरान मकानों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की गयी, जबकि गुड़गांव में बिक्री घटी है। संपत्ति परामर्शक वेबसाइट प्रॉपटाइगर के अनुसार, तिमाही के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा में घरों की बिक्री 51 प्रतिशत बढ़कर 5,715 इकाई हो गयी, जबकि गुड़गांव में यह 52 प्रतिशत घटकर 1,922 इकाई रही
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि ऋण शोधन एवं दिवला संहिता (आईबीसी) में संशोधन से रियल एस्टेट क्षेत्र में धन जुटाकर रातों रात गायब होने वाली गैर-जिम्मेदाराना कंपनियों पर लगाम लगेगी और परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी।
सरकार ने 16 महीने पुराने दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) में संशोधन के लिये अध्यादेश लाने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दे दी। कानून में प्रस्तावित नए संशोधन में फ्लैट खरीदारों को बैंकों के समान ही ‘वित्तीय कर्जदाता’ माना गया है
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जेपी एसोसिएट्स को 200 करोड़ रुपए जमा कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपना पैसा वापस मांग रहे 2,800 घर खरीदारों की मूल राशि के कुछ हिस्से के भुगतान के तौर पर यह रकम जमा कराने का आदेश दिया है।
रियल एस्टेट सेक्टर को प्रोत्साहित करने और आम घर खरीदारों को राहत देने के लिए हर किसी को सरकार से इस साल बजट में कई बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है।
सरकार को आवासीय क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिए पहली बार घर खरीदने वालों को मिलने वाली कर छूट को आगामी बजट में दोगुना कर एक लाख रुपए कर दिया जाना चाहिए। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी जेएलएल इंडिया ने यह सुझाव दिया है।
जेपी समूह नोएडा में अपने अधर में लटके 24 हजार फ्लैट को करीब आठ हजार करोड़ रुपए के खर्च से 2020 तक बनाने व उपभोक्ताओं को उन्हें मुहैया कराने का लक्ष्य तय कर रही है।
कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने आज कहा कि उत्पादन लागत बढ़ने की वजह से संपत्ति की कीमतें बढ़ने की संभावना है।
देश के सबसे बड़े कॉमर्शियल बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने घर खरीदारों के लिए एक वन-स्टॉप इंटीग्रेटेड वेबसाइट www.sbirealty.in लॉन्च की है।
देश में 1 मई को RERA लागू हो गया, लेकिन उत्तर प्रदेश उन कुछ राज्यों में शामिल है जो नियामक प्राधिकरण का गठन करने में पीछे छूट गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि देनदारी में चूक करने वाले को सरकार और प्राधिकारियों के खिलाफ अपने मूल अधिकारों को लागू कराने की मांग को छूट नहीं दी जा सकती।
RERA के तहत राज्यों द्वारा बनाए गए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी का काम बिल्डरों के खिलाफ आने वाली किसी भी शिकायत का निवारण करना है।
रियल एस्टेट कानून (RERA) अपना आशियाना खरीदने वालों के अधिकारों की रक्षा और इस क्षेत्र में पारदर्शिता के वादे के साथ लाया गया है।
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