Friday, April 26, 2024
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'पीएम मोदी ने गहलोत की तारीफ की, इसके मायने बड़े हैं', जानें सचिन पायलट के बयान से क्यों मचा हंगामा?

Rajasthan: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। दरअसल मंगलवार को पीएम मोदी ने सीएम गहलोत की मानगढ़ में तारीफ की थी। इसी बात को लेकर पायलट ने कहा कि इससे पहले पीएम मोदी ने गुलाम नबीं आजाद की भी तारीफ की थी।

Reported By : Manish Bhattacharya Edited By : Rituraj Tripathi Updated on: November 02, 2022 13:46 IST
Sachin Pilot targeted CM Ashok Gehlot- India TV Hindi
Image Source : FILE सचिन पायलट ने फिर साधा सीएम गहलोत पर निशाना

राजस्थान: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बयान से चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। पायलट ने कहा कि पीएम मोदी ने कल मानगढ़ में सीएम अशोक गहलोत की तारीफ की, इसके मायने बड़े हैं। क्योंकि पीएम मोदी ने इससे पहले सदन में गुलाम नबी आजाद की भी तारीफ की थी। गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक थे, लेकिन बीते कुछ समय पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और अपनी खुद की पार्टी बनाई। उनकी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी है। 

इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए: पायलट

पायलट ने कहा कि पीएम मोदी ने जो बयान दिए, जो बड़ाई की, मैं समझता हूं कि ये दिलचस्प घटनाक्रम है। इसी तरह उन्होंने गुलाम नबी आजाद की बड़ाई की थी। उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ आप सबने देखा था। मैं इसे दिलचस्प मानता हूं। इसको हल्के में नहीं लेना चाहिए।

जहां तक ​​राज का सवाल है, 25 सितंबर को बुलाई गई सीएलपी बैठक नहीं हो सकी। एआईसीसी ने इसे अनुशासनहीनता का मामला माना। नियम सबके लिए समान है। इसलिए अगर अनुशासनहीनता हुई तो जवाब दिया गया। इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। मुझे विश्वास है कि पार्टी प्रमुख खड़गे जल्द ही निर्णय लेंगे।

आजाद ने बना ली थी नई पार्टी, पीएम मोदी ने की थी तारीफ

हालही में कांग्रेस छोड़ चुके सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी नई पार्टी का ऐलान किया था। उनकी नई पार्टी का नाम 'डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी'  है। आजाद ने खुद इस बात की घोषणा की थी। उन्होंने बताया था कि हमारी पार्टी के झंडे में 3 रंग हैं और हम गांधीजी को मानते हैं। आजाद ने कहा था कि हमें लगभग 1,500 नाम उर्दू, और संस्कृत में मिले। हिन्दी और उर्दू का मिश्रण 'हिन्दुस्तानी' है। इसलिए हम चाहते थे कि जो भी नाम हो वह लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण और स्वतंत्र हो। इसलिए हमने ये नाम रखा। 

आजाद ने जब कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी, तो इस बात की खूब चर्चा हुई थी कि पीएम मोदी ने सदन में आजाद की जमकर तारीफ की थी। 

 

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