Friday, April 26, 2024
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Karwa Chauth 2022: कब है सुहागिनों का त्योहार करवा चौथ? जानें व्रत, पूजन और पारण का शुभ मुहूर्त

Karwa Chauth 2022 Date: सुहागिनों स्त्रियों के लिए सबसे बड़ा त्योहार माना जाने वाला करवा चौथ का व्रत अब जल्द ही आने वाला है। इस साल यह व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा। यहां जानिए कब है इस व्रत और पूजन का शुभ मुहूर्त।

Ritu Tripathi Written By: Ritu Tripathi @ritu_vishwanath
Published on: August 24, 2022 12:20 IST
Karwa Chauth Vrat 2022 Date- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Karwa Chauth Vrat 2022 Date

Karwa Chauth 2022: हमारे देश में सुहाग की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat 2022) बहुत खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सुहागन स्त्री के इस व्रत को रखने से उसके पति की आयु लंबी होती है और उसका सौभाग्य सुरक्षित रहता है। वैवाहिक जीवन में इस व्रत का खास महत्व है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर चौथ माता की पूजा करके अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। शाम को पूजा के बाद चांद निकलने के बाद वह अपने पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। 

करवा चौथ 2022 की तारीख 

हिंदू पंचांग के अनुसार, सुहागनों का यह त्योहार हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल करवा चौथ 13 अक्टूबर 2022 (Karwa Chauth Vrat 2022)  को मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस साल यह व्रत रविवार को होगा। 

पूजा का शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय 

करवा चौथ का व्रत (Karwa Chauth Vrat 2022) पूरे दिन बिना पानी पिए यानी निर्जला रखा जाता है। इसलिए महिलाएं सूर्योदय के पहले सरगी खाकर व्रत शुरू करती हैं। इस व्रत की पूजा शाम को होती है। इस साल पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) शाम 5: 54 मिनट से 07:03 बजे तक है। पूजा के लिए कुल समय 1 घंटे 09 मिनट है। इस व्रत को चंद्रोदय के बाद खोला जाता है। तो बता दें कि इस साल करवा चौथ पर चांद समय 08 बजकर 10 मिनट पर निकलने वाला है। 

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जानिए करवा चौथ की पूजा विधि 

इस व्रत को सबसे कठिन व्रत माना जाता है। आपको बता दें कि करवा चौथ व्रत का प्रारंभ सूर्योदय के समय से किया जाता है। इसके लिए स्नान के बाद व्रत का संकल्‍प लेना होता है। इसके लिए हाथ में गंगाजल लेकर अपने आराध्य का ध्‍यान करें। इसके बाद जल को मिट्टी या किसी गमले में विसर्जित कर दें। इसके बाद पूरे दिन निर्जला व्रत करें और मन ही मन भगवान का स्मरण करें। शाम को भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, नैवेद्य आदि अर्पित करें। इसके बाद करवा चौथ व्रत की व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें। पूजन के बाद चंद्रोदय होने पर चंद्रदेव को अर्घ्‍य दें और पति की पूजा करें और आरती उतारें। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण करके व्रत का पारण करें।

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ये है पूजन सामग्री की लिस्ट 

जल का लोटा, करवा माता का पोस्टर, आसन, चौदह मिट्ठी पूरी या पुए, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, चंदन, शहद, फूल, कच्चा दूध, अक्षत (चावल), महावर, कंघा, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ,करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, हल्दी।

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