Saturday, April 27, 2024
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Magh Mela 2023: इस दिन से शुरू हो रहा है माघ मेला, नोट कर लें प्रमुख स्नान की डेट

Magh Mela 2023: हिंदू धर्म में माघ महीना को बेहत ही फलदायी और शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, माघ में किए धार्मिक कार्य से देवी-देवता विशेष प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। माघ मास में प्रयागराज के संगम किनारे बड़े स्तर पर माघ मेला का आयोजन किया जाता है।

Vineeta Mandal Written By: Vineeta Mandal
Updated on: January 03, 2023 23:10 IST
Magh Mela 2023- India TV Hindi
Image Source : PTI Magh Mela 2023

Magh Mela 2023: माघ का महीना स्नान-दान के लिए काफी महत्व रखता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, माघ मास में किसी पवित्र नदी, तालाब में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ भगवान विष्णु अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं। वहीं माघ में दान करने से कई गुणा पुण्य मिलता है। सुख, समृद्धि, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है। इस साल माघ महीने की शुरुआत 6 जनवरी, 2023 से हो रही है। इस खास मौके पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम तट पर हर साल माघ मेले का आयोजन होता। दूर-दूर से श्रद्धालु और संत-साधु माघ मास में त्रिवेणी में डुबकी लगाने पहुंचते हैं। 

माघ महीने में संगम तट पर श्रद्धालु कल्पवास भी करते हैं। माघ में कल्पवास का अत्याधिक महत्व है। बता दें कि इस साल माघ मेला 6 जनवरी से शुरू होगा, जो कि महाशिवरात्रि यानी 18 फरवरी, 2023 तक रहेगा। माघ मास में कई विशेष तिथि पड़ती है, जिसमें स्नान करने से कई गुना पुण्य और फल मिलता है। तो आइए जानते हैं कि इस साल की प्रमुख स्नान की तिथि।

माघ मास की प्रमुख स्नान की तारीखें

  • पहला स्नान- पौष पूर्णिमा- 6 जनवरी 2023
  • दूसरा स्नान- मकर संक्रांति- 15 जनवरी 2023
  • तीसरा स्नान- मौनी अमावस्या- 21 जनवरी 2023
  • चौथा स्नान- बसंत पंचमी- 26 जनवरी 2023
  • पांचवां स्नान- माघ पूर्णिमा- 5 फरवरी 2023
  • छठा स्नान- महा शिवरात्रि- 18 फरवरी 2023

कल्पवास का महत्व

 मान्यता है कि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ शुरू होने वाले एक मास के कल्पवास से एक कल्प जो ब्रह्मा के एक दिन के बराबर होता है जितना पुण्य मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नियमपूर्वक कल्पवास करने वाला व्यक्ति जीवन की हर कणिनाइयों का समाधान खोजने में सक्षम हो जाता है. कल्पवास से साधक को मन और इंद्रियों पर नियंत्रण करने की शक्ति प्राप्त होती है

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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