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अंक ज्योतिष में 18 नंबर को क्यों माना जाता इतना शुभ? PM मोदी ने भी किया जिक्र, जानें हिंदू धर्म शास्त्र में इसका महत्व

Number 18 Significance: धर्म शास्त्र और अंक ज्योतिष में 18 नंबर का बेहद ही खास माना जाता है। ज्योतिश चिराग बेजान दारूवाला से जानिए कि 18 नवंबर का क्या महत्व है।

Written By : Chirag Bejan Daruwalla Edited By : Vineeta Mandal Published : Jun 24, 2024 05:40 pm IST, Updated : Jun 24, 2024 07:03 pm IST
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18 Number Significance: वैदिक ज्योतिष और हिंदू धर्म में 18 अंक को बहुत शुभ माना जाता है। साथ ही अंक ज्योतिष के लिए भी यह अंक इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसका योग 9 होता है। यानी इस 18 के योग से 1+8=9 अंक बनता है और अंक ज्योतिष में 9 अंक को सबसे शक्तिशाली अंक माना जाता है। अंक ज्योतिष के अनुसार 18 अंक का योग 1+8=9 होता है। अंक 9 गुरु से प्रभावित माना जाता है, जिसे धन और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। इसलिए ज्योतिष में इसका संबंध मंगल से माना जाता है। आइए आज ज्योतिष चिराग बेजान दारूवाला से जानते हैं हिंदू धर्म में 18 अंक के महत्व के बारे में।

पुराणों की संख्या 18 

सनातन धर्म, जिसे हम हिंदू धर्म कहते हैं। इस धर्म में 18 पुराणों का उल्लेख मिलता है। धर्म से जुड़ी सिद्धियों की कुल संख्या, जिनके बारे में हम अक्सर सुनते हैं, 18 है। इनमें अणिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, महिमा, सिद्धि, ईशित्व या वशित्व, सर्वकामावस्या, सर्वज्ञता, दूरश्रवण, सृष्टि, परकायाप्रवेशन, वाक सिद्धि, कल्पवृक्षत्व, संहार क्षमता, भावना, अमरता, सर्व न्यायाक्त्वा शामिल हैं।

18 प्रकार की विद्याएं

छह वेदांग और चार वेद हैं। इनके साथ ही मीमांसा, न्यायशास्त्र, पुराण, धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, आयुर्वेद, धनुर्वेद और गंधर्ववेद मिलकर 18 प्रकार की विद्याएं बनाते हैं।

समय भी 18 प्रकार का होता है

समय की गति, जिसे हम कालचक्र कहते हैं, उसके भी 18 प्रकार होते हैं। इनमें एक संवत्सर, पांच ऋतुएं और 12 महीने शामिल हैं। ये सभी मिलकर 18 प्रकार के काल बनते हैं।

श्री कृष्ण और 18 की संख्या

गीता, जिसके माध्यम से कान्हा ने मानव जाति को जीवन का सार समझाया, में 18 अध्याय हैं। इतना ही नहीं, इस ज्ञान के सागर में 18 हजार श्लोक हैं।

मां शक्ति और 18 की संख्या

माँ भगवती के 18 प्रसिद्ध रूप हैं। इनमें काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कूष्मांडा, कात्यायनी, दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, गायत्री, पार्वती, श्री राधा, सिद्धिदात्री और भगवती शामिल हैं। साथ ही, मां भगवती की 18 भुजाएं हैं।

सांख्य दर्शन में 18 का महत्व

सांख्य दर्शन में मनुष्य, प्रकृति और मन के अलावा पांच महाभूत हैं - पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश। पाँच ज्ञानेन्द्रियां हैं - कान, त्वचा, आँख, नाक और जीभ। इनके अलावा 5 अन्य कर्मेन्द्रियां हैं- वाणी, हाथ, पैर, गुदा और जननेन्द्रिय। इनकी कुल संख्या भी 18 होती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नंबर पर कही ये बात

बता दें कि 24 जून 2024 से देश की 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ है। लोकसभा सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि 18वीं लोकसभा नए संकल्पों के साथ अपना कार्य करें। उन्होंने कहा कि भारत की परंपराओं को जो जानते हैं जो सांस्कृतिक विरासत से परिचित हैं हमारे यहां 18 अंकों को सात्विक मूल्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 18 का अंक हमें कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश देता है। हमारे यहां पुराण और लोकपुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता की गारंटी देता है। पीएम मोदी ने कहा कि  9 मूलांक पूर्णता का प्रतीक अंक है। हमारे देश में लोगों को 18 साल की उम्र में ही मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा का गठन भी एक शुभ संकेत है। 18वीं लोकसभा भारत के अमृतकाल की अहम लोकसभा होगी।

(ज्योतिषी चिराग दारूवाला विशेषज्ञ ज्योतिषी बेजान दारूवाला के पुत्र हैं। उन्हें प्रेम, वित्त, करियर, स्वास्थ्य और व्यवसाय पर विस्तृत ज्योतिषीय भविष्यवाणियों के लिए जाना जाता है।)

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