Saturday, May 18, 2024
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Margashirsha Month 2022: हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण है मार्गशीर्ष, जानें इस माह में क्या करें क्या नहीं?

09 नवंबर 2022 से मार्गशीर्ष माह की शुरुआत हो चुकी है। पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार के लिए यह महीना बेहद खास होता है। लेकिन कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिन्हें इस माह करने पर विशेष मनाही होती है।

Edited By: Vineeta Mandal
Updated on: November 10, 2022 18:18 IST
Margashirsha Month 2022 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Margashirsha Month 2022

Margashirsha Month 2022: कार्तिक पूर्णिमा के समाप्त होने के बाद मार्गशीर्ष माह की शुरुआत बुधवार 09 नवंबर 2022 से हो चुकी है जो 08 दिसंबर 2022 तक रहेगी। इसे अगहन का महीना भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह कैलेंडर का नौंवा महीना होता है। वैसे तो यह पूरा माह पूजा-पाठ, व्रत-त्योहार और शुभ-मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम होता है। लेकिन खासकर अगहन का महीना भगवान राम और श्री कृष्ण की पूजा-अराधना के लिए फलदायी होता है। क्योंकि इस माह भगवान राम और श्रीकृष्ण से जुड़े कई त्योहार पड़ते हैं। इसलिए इस माह का विशेष धार्मिक महत्व है। पुराणों में भी मार्गशीर्ष माह के महत्व के बारे में बताया गया है। जानते हैं इस माह क्या करें और क्या न करें।

अगहन माह का महत्व

हर माह की पूर्णिमा तिथि जिस विशेष नक्षत्र में पड़ती है उसे उसी माह के नाम से जाना जाता है। कृतिका नक्षत्र में पड़ने के कारण कार्तिक महीना का नाम पड़ा। ठीक इसी तरह के अगहन माह की पूर्णिमा पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होती है। इसलिए अगहन माह को मार्गशीर्ष माह के नाम से भी जाना जाता है। इसी माह भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था।

मार्गशीर्ष माह में क्या करें

  1. मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाले प्रत्येक गुरुवार के दिन श्री हरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि इस माह देवी लक्ष्मी धरती पर आती हैं। इसलिए जिस घर पर उनकी पूजा-अराधना होती है वहां उनका वास होता है।
  2. इस माह दान-दक्षिणा करना चाहिए। इससे पुण्यफल की प्राप्ति होती है। मार्गशीर्ष माह में चांदी का दान करने से पुरुषत्व में वृद्धि होती है। साथ ही व्रत करने के लिए भी यह माह अच्छा होता है।
  3. मार्गशीर्ष माह में किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें। यदि प्रतिदिन स्नान संभव न हो तो पूरे माह में किसी एक दिन भी नदी स्नान का अवसर मिले तो नदी स्नान जरूर करें।
  4. अगहन का महीना श्रीकृष्ण की उपासना के लिए खास होता है। इसलिए इस माह श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना चाहिए।

मार्गशीर्ष माह में ये कार्य होते हैं वर्जित

  • मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली सप्तमी और अष्टमी को मास शून्य तिथियां कहा गया है। इन तिथियों में कोई भी मांगलिक कार्य न करें। ऐसा करने पर वंश और धन का नाश होता है।
  • मार्गशीर्ष माह में जीरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • इस माह में तामसिक भोजन या मांसाहार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • मार्गशीर्ष माह में संध्याकाल में उपासना करना न भूलें।
  • पूरे माह संध्याकाल में पूजा-पाठ करें और तुलसी जी के पास दीपक जलाएं।

 (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। INDIA TV इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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