कोलकाता: तीन वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में ईंडन गार्डंस स्टेडियम में भारत की टीम जब रविवार को इंग्लैंड के खिलाफ उतरेगी तो उसके दिमाग में आने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए अपने आप को परखने की होगी। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने सीरीज के शुरुआती दो मैच जीतकर 2-0 की अजेय बढ़त ले ली है। जून में भारत को चैम्पियंस ट्रॉफी खेलनी है और इस मैच के बाद भारत को चैम्पियंस ट्रॉफी से पहले कोई और वनडे सीरीज नहीं खेलनी है। ऐसे में मुख्य कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली के पास अपनी टीम को परखने का यह आखिरी मौका है।
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भारतीय टीम ने अभी तक शानदार प्रदर्शन किया है। पहले मैच में विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए कोहली ने केदार जाधव के साथ मिलकर टीम को बड़ी जीत दिलाई थी तो कटक में खेले गए दूसरे मैच में जब भारतीय टीम संकट में थी तब उसके दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों युवराज सिंह और महेन्द्र सिंह धोनी ने न सिर्फ उसे संभाला बल्कि विशाल स्कोर प्रदान किया। युवराज ने 2011 और धौनी ने 2013 के बाद शतकीय पारियां खेलीं। इंग्लैंड में जहां चैम्पियंस ट्रॉफी होनी है वहां की पिचों पर कोहली के लिए धोनी और युवराज का अनुभव टॉनिक का काम करेगा। कोहली, जाधव, धोनी और युवराज ने पुणे और कटक में खेले गए मैचों में अपने बल्ले से रन बरसाए लेकिन मेजबानों के लिए सबसे बड़ी समस्या सलामी जोड़ी का विफल रहना रहा है। शिखर धवन और लोकेश राहुल बल्ले से टीम के लिए न के बराबर योगदान दे पाए हैं।
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तीसरे मैच से पहले धवन की उंगली की चोट उन्हें मैदान पर उतरने से रोक सकती है। ऐसे में अजिंक्य रहाणे, राहुल के साथ पारी का आगाज कर सकते हैं, लेकिन राहुल को इस मैच में रन करने की जरूरत होगी ताकि वह अपना खोया हुआ आत्मविश्वास पा सकें। भारतीय टीम की गेंदबाजी की असल परीक्षा दूसरे वनडे मैच में हुई थी जहां उन्हें 381 के विशाल स्कोर को बचाना था। लेकिन मेहमान कप्तान इयॉन मोर्गन के अलावा मोइन अली ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की थी। टीम हालांकि 15 रनों से मैच जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन इतने बड़े लक्ष्य को बचाने में गेंदबाजों का प्रदर्शन टीम प्रबंधन के लिए चिंता की बात है। पहले मैच में भी भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई हुई थी और इंग्लिश टीम ने 350 रन बोर्ड पर टांग दिए थे। रविचन्द्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की स्पिन जोड़ी टेस्ट की फॉर्म को अभी तक इस सीरीज में दोहराने में नाकामयाब रही है।
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वहीं मेहमान टीम के बल्लेबाजों ने इस सीरीज में अच्छा प्रदर्शन किया है। दोनों मैचों में उसके बल्लेबाज 350 का आंकड़ा पार करने में कामयाब रहे। हालांकि उसे तीसरे मैच से पहले एक बड़ा झटका लगा है। टीम के सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स चोटिल हो कर भारत दौर से बाहर हो गए हैं। लेकिन मोर्गन, अली, जेसन रॉय, जोए रूट, जॉनी बेयर्सटो ऐसे बल्लेबाज हैं जो बड़ा स्कोर करने का दम रखते हैं। भारत की तरह ही इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भी उसे सिर्फ निराश ही किया है। लेकिन आखिरी मैच में इंग्लिश टीम की कोशिश एक मैच जीत कर अपनी साख बचाने की होगी। पिछले दो मैचों की पिचों की तरह ही ईडन गार्डंस स्टेडियम की पिच पर भी रनों की बरसात की उम्मीद है।
टीमें (संभावित):
भारत: विराट कोहली (कप्तान), महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), शिखर धवन, युवराज सिंह, अजिंक्य रहाणे, लोकेश राहुल, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह, केदार जाधव, भुवनेश्वर कुमार, अमित मिश्रा, मनीष पांडे, हार्दिक पांड्या, उमेश यादव।
इंग्लैंड: इयॉन मोर्गन (कप्तान), जेसन रॉय, जोस बटलर (विकेटकीपर), जैक बॉल, क्रिस वोक्स, बेन स्टोक्स, जोए रूट, मोइन अली, सैम बिलिंग्स, जॉन बेयरस्टो, लियाम डॉसन, लियाम प्लंकेट, आदिल राशिद, डेविड विले।