नई दिल्ली: टीम इंडिया में जब महेंद्र सिंह धोनी शामिल हुए तो उनके लंबे बाल ही उनका स्टाइल बन गए। ऐसा स्टाइल, जिसने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति तक को अपना दीवाना बना लिया। ये धोनी के बालों का जलवा भर नहीं था। उनकी मासूमियत और कामयाबी मिलकर उन्हें प्रेजेंटबल चेहरा बनाने लगी थी, जो बातें धोनी को आम बना रही थीं, अब उसके सहारे ही धोनी खास बन चुके थे।
2006 में लाहौर में खेले गए एक वनडे मुक़ाबले के दौरान धोनी की 46 गेंदों पर 72 रनों की पारी के बाद वहां के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने धोनी के लंबे बालों की जमकर तारीफ करते हुए कहा था कि आपके बाल बहुत सुंदर हैं, इन्हें छोटा मत करवाइएगा। उन्होंने कहा था, ‘यहां लोगों ने प्लेकार्ड पर आपको बाल कटाने का सुझाव दिया है लेकिन मेरी सलाह मानों तो इन्हें मत कटाना। आप पर ये हेयरस्टाइल फबता है।’
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अपनी हेयर स्टाइल का मुरीद बनाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने दरअसल अपनी इस धारणा के चलते बाल बढ़ाए थे कि इससे उन्हें ताकत और ऊर्जा मिलती है। धोनी ने जुलाई-अगस्त 2004 में भारत ए टीम के साथ जिम्बाब्वे और कीनिया दौरे से लंबे बाल रखना शुरू किया था। उन्हें ऐसा अंधविश्वास हो चला था कि सैमसन की तरह लंबे बालों से उन्हें मैदान पर ताकत और ऊर्जा मिलती है।
धोनी ने ट्वेन्टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद बाल कटा लिए मानों कोई मन्नत पूरी हुई हो। साथ ही उस समय यह भी कहा गया कि उनकी पत्नी साक्षी को लंबे बाल पसंद नहीं थे इसलिए धोनी ने अपने बाल छोटे करवा लिए।