Friday, April 26, 2024
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सुनील छेत्री की तारीफ में कोच इगोर स्टिमाक ने पढ़ें कसीदे, कह दी ये बात

स्टिमाक ने कहा कि छेत्री हमेशा कड़ी मेहनत करते हैं और ट्रेनिंग सत्र के दौरान अतिरिक्त पसीना बहाते हैं जो युवा खिलाड़ियों को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: June 14, 2020 16:55 IST
Coach Igor Stimac read in praise of Sunil Chhetri, said this thing- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/INDIANFOOTBALL Coach Igor Stimac read in praise of Sunil Chhetri, said this thing

नई दिल्ली। राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमाक ने रविवार को सुनील छेत्री की सराहना करते हुए कहा कि यह करिश्माई कप्तान उन लोगों में शामिल है जिसने अपने 15 साल के शानदार करियर के दौरान अपनी प्रतिबद्धता से भारतीय फुटबॉल को ‘गौरवांवित’ किया। छेत्री शुक्रवार को महान खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया के बाद भारतीय टीम की ओर से 15 साल तक खेलने वाले सिर्फ दूसरे खिलाड़ी बने। छेत्री ने 2005 में क्वेटा में पाकिस्तान के खिलाफ मैत्री मैच में पदार्पण किया था। ड्रॉ रहे इस मैच में छेत्री ने गोल दागा था। स्कोर 1-1 रहा था। 

स्टिमाक ने कहा कि छेत्री हमेशा कड़ी मेहनत करते हैं और ट्रेनिंग सत्र के दौरान अतिरिक्त पसीना बहाते हैं जो युवा खिलाड़ियों को उनके नक्शेकदम पर चलने के लिए प्रोत्साहित करता है। क्रोएशिया के कोच स्टिमाक ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘मैं उसे ऐसे खिलाड़ी के रूप में देखता हूं जो ट्रेनिंग के दौरान हमेशा अतिरिक्त प्रयास करता है और कभी समझौता नहीं करता। वह टीम को आगे बढ़ाता है और वह टीम का चेहरा है। कई लोगों ने भारतीय फुटबॉल इतिहास को गौरवान्वित किया है और निश्चित तौर पर वह उनमें शामिल है।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘प्रतिबद्धता, काम के प्रति समर्पण और टीम मैन- ये कुछ शब्द है जो सुनील छेत्री को परिभाषित करते हैं।’’ 

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क्रोएशिया की विश्व कप टीम का हिस्सा रहे और पिछले साल भारतीय टीम की कमान संभालने वाले उस समय को याद किया जब 2019 में किंग्स कप से पहले तैयारी शिविर के दौरान उन्होंने छेत्री को देखा था। यह भारतीय टीम के साथ स्टिमाक का पहला टूर्नामेंट था। स्टिमाक ने कहा कि एएफसी एशियाई कप से बाहर होने के बाद दिल टूटने पर टीम का सबसे सीनियर खिलाड़ी होने के बावजूद छेत्री सकारात्मक नतीजे हासिल करने के लिए सबसे अधिक मेहनत कर रहे थे। 

पाकिस्तान के खिलाफ 2005 में भारतीय टीम का मार्गदर्शन करने वाले पूर्व भारतीय कोच सुखविंदर सिंह ने कहा कि उस समय उन्हें छेत्री की विश्वसनीयता पर भरोसा नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसे खिलाड़ी की जरूरत थी जो छकाने में माहिर हो, जिसके अंदर डर नहीं हो और वह तेज हो। ईमानदारी से कहूं तो सुनील मेरे दिमाग में बिलकुल भी नहीं था। वह मेरी पहली पसंद नहीं था। मुझे उसे लेकर संदेह था।’’

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