पाकिस्तान फिर से 2 टुकड़ों में बंटने के करीब आ गया है। जिस तरह से वर्ष 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे और भारत ने उसे जंग में हरा दिया था, ठीक वैसे ही हालात फिर आने वाले हैं। यह दावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया है। इमरान का कहना है कि पाकिस्तान अपनी पुरानी गलतियां दोहरा रहा है।
भारत में बहुत कम ही लोग जानते हैं कि पाकिस्तान में हमारे देश की एक महिला जासूस थी जो वहां दो साल तक रहकर भारत के लिए जासूसी करती रही और दुश्मन के हरकतों पर नजर रखती रही। इसके लिए उसने एक पाकिस्तानी मर्द से शादी भी की और उसके बच्चे की मां भी बनीं।
Pakistan on 1971 War: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने 1971 में युद्ध की हार का ठीकरा सेना पर फोड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि हार का कारण सैन्य विफलता है। इससे पहले सेना प्रमुख बाजवा ने इसकी वजह राजनीतिक विफलता को बताया था।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमेन ने कहा, ‘1971 की जंग में पाकिस्तान की सेना ने जघन्य अपराध और नरसंहार किया था।
आज ही के दिन 50 साल पहले पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने घुटने टेक दिए थे। इस विजय की याद में पूरे देश में स्वर्णिम विजय मशाल निकाली जा रही है। आज ये मशाल नेशनल वॉर मेमोरियल पर पहुंची जहां पीएम मोदी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
'जगदम्बा की जय हो!' ये वही शब्द थे, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान एक घायल, लेकिन दृढ़निश्चयी और साहसी द्वितीय लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल ने कहे थे, जब वह लगी चोटों की परवाह न करते हुए पाकिस्तानी युद्धक टैंकों को नष्ट करने के लिए आगे बढ़े थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका पर बातचीत करना ठीक है, लेकिन सुरक्षा और राष्ट्र-निर्माण के सभी क्षेत्रों में उनके व्यापक योगदान को पहचाना जाना चाहिए।
भारतीय सेना स्वर्णिम विजय उत्सव समारोह के तहत ऑनलाइन स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन कर रही है जिसमें आप क्रेडिट के साथ-साथ कैश प्राइज भी जीत सकते हैं।
राजस्थान में 1971 के युद्ध के दिग्गजों के सम्मान में बीएसएफ के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मध्यरात्रि (13/14 दिसंबर) को 180 किलोमीटर की रिले दौड़ की। इस दौड़ का अनूपगढ़ में 11 घंटे से भी कम समय में पूरा कर शानदार समापन हुआ।
13 साल पहले अभिनेता मनोज बाजपेयी की फिल्म '1971' रिलीज हुई थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान के अनुभव को मनोज ने अब इंस्टाग्राम पर शेयर किया है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने वेटरनंस डे के मौके पर सभी भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी हैं।
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