राजस्थान के भरतपुर जिले से जयपुर जाते समय एक दिन के नवजात शिशु की मौत हो गई, जब एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया। नर्सिंग स्टाफ के न होने की वजह से बच्चे का पिता सिलेंडर को ऑपरेट कर रहा था।
घंटों लगे जाम से हर कोई परेशान दिखा। एम्बुलेंस में घायल बच्चे की जान की चली गई। उसके परिजन उसे इलाज कराने के लिए अस्पताल लेकर जा रहे थे। तभी रास्ते में एम्बुलेंस जाम में फंस गई।
जब 11 तीर्थयात्रियों के शव गांव पहुंचे तो पूरे इलाके में मातम पसर गया। मृतकों के परिजनों के साथ मेयर भी फूट-फूट कर रोने लगीं। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है।
वरुण नाम के एक शख्स की दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हुई थी। वरुण के शव को लेकर उनकी पत्नी और परिवार के अन्य लोग दिल्ली से एंबुलेंस के जरिए बिहार में अपने घर जा रहे थे। जैसे ही एंबुलेंस गोपीगंज के पास गोपपुर में पहुंची है तभी तेज रफ्तार एंबुलेंस ने सड़क किनारे खड़े कंटेनर में टक्कर मार दी।
यूपी के गाजियाबाद में तेज रफ्तार एंबुलेंस ने कई कांवड़ियों को कुचल दिया है, जिसमें कांवड़ियों की मौत भी हुई है और कई घायल हैं। इस घटना से हड़कंप मच गया है।
ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान एक एंबुलेंस भीड़ के बीच में पहुंच गई। हालांकि लाखों श्रद्धालुओं के बीच मानव श्रृंखला बनाकर उसे रास्ता दिया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिए कुछ यात्रियों ने एंबुलेंस को ही बुक कर लिया, ताकि ट्रैफिक जाम से बचा जा सके। सोनप्रयाग पुलिस ने दोनों एंबुलेंसों को पकड़ लिया है और चालान कर दिया है।
सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस की सेवा न दिए जाने पर लाचार पिता अपनी नवजात बच्ची का शव 20 रुपये में खरीदी गई प्लास्टिक में रखने को मजबूर हुआ। इस पूरे मामले में सरकारी विभाग के अधिकारियों का बयान भी सामने आया है।
कंधमाल जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। एक गर्भवती महिला की मौत के बाद उसके शव को अस्पताल से घर तक कंधे पर उठाकर लाया गया।
कर्नाटक के बेंगलुरु में भीषण सड़क हादसा हो गया जिसमें एक की मौत हो गई और 6 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। एक एंबुलेंस चालक ने सबसे पहले दे ठेलों में टक्कर मारी और भगाने के क्रम में ऑटो, स्कूटर और पैदल यात्री को भी टक्कर मार दी।
पंजाब की भगवंत मान सरकार प्रदेश के लोगों को नवीनतम चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित हाईटेक एंबुलेंस की सौगात दे रही है। ये एंबुलेंस शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 मिनट के भीतर जरूरतमंद मरीजों तक पहुंच रही हैं।
ओडिशा के रायगढ़ा-मलकानगिरी-कोरापुट रेल लाइन पर एक एंबुलेंस फंस गई। इसी बीच सामने से एक ट्रेन भी आ गई। ट्रेन ने एंबुलेंस को टक्कर मारी और घसीटते हुए 100 मीटर आगे तक ले गई। हालांकि इस दौरान सभी मरीज एंबुलेंस से उतर गए थे।
राजस्थान के भीलवाड़ा में एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस का दरवाजा जाम होने से उसकी जान चली गई।
10 मिनट में अब राशन ही नहीं इमरजेंसी में आपके घर एंबुलेंस भी पहुंचेगी। जी हां, क्विक कामर्स कंपनी Blinkit ने अपनी 10 मिनट में एंबुलेंस सर्विस को दिल्ली से सटे गुरुग्राम में शुरू की है। जल्द ही इसे देश के प्रमुख शहरों में उपलब्ध कराई जाएगी।
ये नए एम्बुलेंस कई कॉन्फिगरेशन में उपलब्ध हैं, जिनमें रोगी परिवहन, बुनियादी जीवन समर्थन (बीएलएस), एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस), और मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) शामिल हैं, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करते हैं।
65 वर्षीय पांडुरंग तात्या के लिए कोल्हापुर की सड़कों के गड्ढे जीवन रक्षक साबित हुए। हार्ट अटैक से मौत के बाद पांडुरंग के शव को एम्बुलेंस से घर ले जाया जा रहा था, तभी अचानक सड़क के गड्ढे से एंबुलेंस बुरी तरह टकरा गई और उनके शरीर में हलचल होने लग गई।
एक बहन को अपने भाई के शव को गांव तक ले जाने के लिए टैक्सी की छत पर बांधना पड़ा। दोनों भाई-बहन हल्द्वानी में काम करते थे।
चलती एम्बुलेंस में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म करने की घटना सामने आई है।
सरकारी एंबुलेंस में तीन की मौत के बाद से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं थी। सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों ने इन आरोपों का खंडन किया है।
राजस्थान के पाली जिले से दर्दनाक हादसा सामने आया है। पाली-जोधपुर हाईवे पर हुए सड़क हादसे में 2 महिलाओं सहित चार लोगों की मौत हो गई। हादसा इतना भीषण था कि एंबुलेंस में टक्कर के बाद महिलाएं उछलकर करीब 8 फीट दूर सड़क किनारे झाड़ियों में जा गिरीं।
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