नेपाल की सीमा से लगे बिहार इस उत्तरी जिले में सैलाब का कहर टूटा है। सैलाब के विकराल रुप के आगे न इंसानों का बस है और न सरकार का और न इंसानों की बनाई मशीनों का ।
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि बिहार बाढ़ संकट पिछले करीब तीन दशकों में इस बार सबसे विकराल है।
नेपाल से तबाही बनकर आए सैलाब ने बिहार के पूर्णिया ज़िले में भी भीषण तबाही मचाई है। वहां से गुजरने वाले स्टेट और नेशनल हाईवे पानी में बह चुके हैं। रेलवे ट्रैक के नीचे से जमीन खिसक चुकी है।
बिहार के सीतामढ़ी जिले में भी बाढ़ का पानी कहर बनकर टूटा है। सैकड़ों गांवों का संपर्क देश-दुनिया से कटा हुआ है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF और SDRF की टीमें लगाई गई हैं।
सैलाब की ताकत का अंदाजा अररिया की सड़क पर साफ नजर आता है। यहां सड़क किनारे लुढके हुए ट्रकों की कतार है। यहां सड़क भी है और सड़क किनारे की जमीन भी नहीं धंसी है लेकिन ट्रक एक तरफ लाइन से पलट चुके हैं।
कटिहार में जिला भी बाढ़ की विनाशलीला झेल रहा है। यहां उफनती महानंदा ने भारी तबाही मचाई है।
पड़ोसी देश नेपाल और बिहार में लगातार हुई भारी बारिश के कारण अचानक आयी बाढ फ्लैश फ्लड से प्रदेश में अब तक 72 लोगों की मौत हो जाने के साथ बाढ़ से 14 जिलों की 73 लाख आबादी प्रभावित हुई है।
हालात ये हैं कि डॉक्टर्स अपना केबिन छोड़कर बाहर मरीजों को देख रहे हैं। इमरजेंसी वार्ड में पानी भरने की वजह से बिजली काट दी गई है जिससे डॉक्टर से लेकर मरीजों को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है। हालात ये हैं कि पानी भरने से मरीजों को खाना तक नहीं मिल पा रह
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़