बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को कहा कि राज्य में अचानक आई बाढ़ से 25 लोगों की मौत हुई है जबकि 16 जिलों में 25.71 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
बिहार में वर्ष 2017 बदलते राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद नाटकीय रहा...
बिहार के अलग-अलग हिस्सो में पिछले दिनों आई बाढ़ के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप में जलसंसाधन विभाग ने 19 इंजीनियर्स को बर्खास्त कर दिया है...
बिहार में आई बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से 7,636 करोड़ रुपये की मदद मांगी है। इससे संबंधित पूर्ण ब्योरा केंद्र सरकार को सोमवार को भेजा गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू ने ट्विटर पर मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधते हुए लिखा, "नीतीश बताएं कि बिहार में बाढ़ दो पैर वाले चूहों की वजह से आई या चार पैरों वाले चूहों की वजह से, जो तटबंध निर्माण का हजारों करोड़ रुपये खा गए।"
हाल ही में आमिर ने लोगों से बाढ़ में फंसे लोगों के लिए मदद की अपील की थी। आमिर ने कहा था जितना हो सके उतनी मदद मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान करके करिए।
राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है। बिहार में बाढ़ से 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी भले ही निकलने लगा हो, लेकिन बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है।
बिहार में बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी कम हो रहा है। हालांकि अभी भी कई जिलों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है। बाढ़ से 1.61 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है, जबकि बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को बाढ़ प्रभावित अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले का दौरा किया तथा वहां बाढ़ पीड़ितों के लिए चलाए जा रहे राहत कार्यो का जायजा लिया।
बिहार में बाढ़ का कहर जारी है। इस बीच बाढ़ का पानी बुधवार को सीवान जिले की सीमा में भी प्रवेश कर गया। हालांकि कई पुराने क्षेत्रों से बाढ़ का पानी अब निकल रहा है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 26 अगस्त को प्रस्तावित बाढ़ प्रभावित इलाके के हवाई सर्वेक्षण कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री यहां बाढ़ के बहाने 'हवाखोरी' करने आ रहे हैं।
बिहार के सीमांचल जिले सहित राज्य के 18 जिले पिछले 10 दिनों से बाढ़ की चपेट में हैं। राज्य सरकार द्वारा राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। राहत की बात है कि कई क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घटने लगा है।
राहत कार्य में चर्चित नाम पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निशांत कुमार तिवारी का रहा है, जो इन बाढ़ पीड़ितों के बीच 24 घंटे उपलब्ध रह रहे हैं। जिले के सभी बाढ़ प्रभावित इलाकों में इनकी छवि एक मसीहा के तौर पर उभर कर आई है।
बिहार के कटिहार जिले में महानंदा नदी के रौद्र रूप और बीच में गंगा नदी के तांडव ने सैकड़ों लोगों के आशियाने छीन लिए हैं।
बिहार के सीमांचल जिले सहित राज्य के 18 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राज्य सरकार राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चलाने का दावा कर रही है, परंतु अभी भी कई ऐसे इलाके हैं जहां के लोगों को राहत पहुंचने का इंतजार है।
बिहार के सीमांचल क्षेत्रों और नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि के काराण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनती जा रही है।
पुल के किनारे का हिस्सा पूरी तरह बह चुका था। किनारे दर्जनों लोग खड़े थे। लोगों को अंदेशा था कि पुल का ये हिस्सा कभी भी गिर सकता है। बावजूद इसके लोग पुल पार करने की कोशिश कर रहे थे। दूर खड़े कुछ लोग ऐसा करने से मना भी कर रहे थे लेकिन कोई मानने को तैया
बिहार में बाढ़ की हालत दिन ब दिन भयावह होती जा रही है। बाढ़ का पानी कुछ क्षेत्रों में अगर निकल रहा है, तो कई नए क्षेत्रों में फैल भी रहा है। बिहार की सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण बिहार के 15 जिलों में बाढ़ का पानी फैल गया है
मधुबनी में भी सैलाब में भारी तबाही मचाई है। यहां घर, फसल और जमा पूंजी सब कुछ सैलाब में बह चुका है। यहां लोगों को फिक्र सता रही है कि इनकी जिंदगी अब कैसे चलेगी।
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