देश में लागू भारतीय न्याय संहिता के तहत धारा 197 के तहत दो उपधाराओं का जिक्र है। इसमें जहां पहली धारा के तहत तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है तो वहीं दूसरी धारा के तहत पांच साल और जुर्माने का प्रावधान है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बुधवार को कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 के तहत महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए अपनी पहली गिरफ्तारी दर्ज की।
भारत में एक जुलाई से लागू हुए 3 नए आपराधिक कानूनों की जहां कुछ एक्सपर्ट्स ने तारीफ की है, वहीं कानून के कुछ जानकारों ने इन्हें दिखावटी बदलाव करार देते हुए कुछ खास सुधार होने से इनकार किया है।
देश में सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। इस दौरान देश के अलग-अलग राज्यों में पहली प्राथमिकियां दर्ज की गई। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने रेहड़ी पटरी वालों पर केस दर्ज किया। वहीं अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग केस दर्ज हुए हैं।
देश में भारतीय न्याय संहित को सोमवार से लागू कर दिया गया है और अंग्रेजों के जमाने के कानून को हटा दिया गया है। इस बीच उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस कानून के दुरुपयोग होने की गुंजाइश अधिक है। पुराने कानूनों के दुरुपयोग की गुंजाइश कम थी।
नए आपराधिक कानून देश में लागू हो चुके हैं और पुराने कानूनों की जगह ले चुके हैं। इस बीच लोकसभा में आज खूब बहस देखने को मिली। इस दौरान इस कानून को लेकर अमित शाह ने कहा कि केस दर्ज होने के तीन साल के ही भीतर लोगों को न्याय मिलने का प्रावधान है।
अमित शाह ने साफ किया कि अंग्रेजों ने भारत में राज करने के लिए अपने हिसाब से कानून बनाए थे। वहीं, अब इनमें बदलाव कर इन्हें जनता को न्याय दिलाने के लिए बनाया गया है।
सोमवार से देश में नए आपराधिक कानून लागी हो गए हैं। हालांकि, कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल इन कानूनों पर विरोध जता रहे हैं। आइए जानते हैं कि विपक्षी दलों ने इस नए कानून पर क्या कहा है।
देश में लागू हुए नए आपराधिक कानून। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है। आइए जानते हैं कुछ खास बातें।
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