‘विक्रम’ शनिवार तड़के डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। ‘विक्रम’ के अंदर रोवर ‘प्रज्ञान’ होगा जो शनिवार सुबह साढ़े पांच से साढ़े छह बजे के बीच लैंडर के भीतर से बाहर निकलेगा।
भारत के मून लैंडर-विक्रम की चांद पर सफल लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए तमिलनाडु के तंजावुर जिला स्थित चंद्रनार मंदिर में विशेष प्रार्थना की जाएगी। विक्रम को शुक्रवार देर रात चंद्रमा पर उतरना है।
चंद्रयान-2 की कई विशेषताएं हैं और यह कई रिकॉर्ड बनाने जा रहा है। इसकी सबसे बड़ी खास बात इसकी लागत है, जो अन्य किसी भी चंद्र मिशन की तुलना में काफी कम है।
चांद की सतह पर चीन का रोवर ‘युतु-2’ जनवरी 2019 से घूम रहा है। चीन की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ‘चायना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (CNSA) ने पिछले महीने ही अपने रोवर द्वारा की गई खोज की जानकारी सार्वजनिक की थी
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के एप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी में अंतरिक्ष वैज्ञानिक ब्रेट डेनेवी ने कहा कि चंद्रयान-2 जहां उतरेगा वह पूरी तरह ऐसा हिस्सा है जिसके बारे में जानकारी नहीं है।
भारत के स्पेस मिशन गगनयान के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के सिलेक्शन का पहला चरण पूरा कर लिया गया है।
हनीमून में चांद का रोल बहुत खास है। शादी के बाद हनीमून पर जाना एक कर्म बन गया है। लेकिन सबसे पहला हनीमून किसने मनाया होगा?
आज चंद्रयान 2 चंद्रमा पर लैंड होने जा रहा है। इसी खुशी में सुनिए बॉलीवुड में बनें चांद पर गाने।
एक दिन चांद को देखे बिना पानी तक नहीं पी सकते और दूसरे दिन चांद को देखना तक मना है।
चंद्रयान-2 मिशन लाइव अपडेट्स: ये इतिहास बनना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि चांद की सतह पर उतरने में जो पंद्रह मिनट लगेगा वो बेहद अहम है।
‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ शनिवार तड़के चांद की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के लिए तैयार है और यह क्षण इसरो के वैज्ञानिकों के लिए ‘दिल की धड़कनों को थमा देने वाला’ होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद्रयान-2 के ‘लैंडर’ विक्रम की शनिवार तड़के चंद्रमा की सतह पर ऐतिहासिक ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ देखने के लिए यहां मौजूद होंगे।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कक्षा आठ से कक्षा 10 तक के छात्र-छात्राओं के लिए अगस्त में एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की थी।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी चंद्रयान-2 मिशन को एक और सफलता मिली है।
देशभर में स्थित केंद्रीय विद्यालयों के 16 छात्र सात सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 के चंद्रमा पर उतरने का नजारा देखेंगे ।
लैंडिंग का वक्त करीब आने से पहले चंद्रयान-2 ने एक और बाधा पार कर ली है। मंगलवार सुबह चंद्रयान ने पहली डी-ऑर्बिटिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ अलग हो गया।
मिशन चन्द्रयान-2 को लेकर एक बड़ी खुशखबरी है। चंद्रयान-2 ने आज चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में प्रवेश कर लिया है। साइंस के शब्दों में इस प्रक्रिया को मेन्युवर कहते हैं।
ISRO ने शुक्रवार को कहा कि उसने ‘चंद्रयान-2’ को चांद की चौथी कक्षा में आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुक्रवार को सफलतापूर्वक पूरी की।
उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के लिए एक क्विज का आयोजन किया जा रहा है, जिसके कोई दो विजयी छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 की लैंडिंग देखने के साक्षी बनेंगे।
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