Monday, April 29, 2024
Advertisement

प्रधानमंत्री के साथ चंद्रयान-2 की ‘लैंडिंग’ देखने के लिए इसरो के क्विज विजेता बेहद रोमांचित

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कक्षा आठ से कक्षा 10 तक के छात्र-छात्राओं के लिए अगस्त में एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की थी।

PTI Edited by: PTI
Published on: September 04, 2019 17:39 IST
chandrayaan2- India TV Hindi
chandrayaan2

बेंगलुरु। दिल्ली निवासी मनोज्ञ सिंह सुयांश, ओडिशा के चिन्मय चौधरी और मेघालय के रिबैत पाहवा उन 60 छात्र-छात्राओं में शामिल हैं जो बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ‘चंद्रयान-2’ के चांद पर उतरने का दृश्य सीधे देखने के लिए कर्नाटक की राजधानी रवाना होने के वास्ते अपने बैग पैक कर रहे हैं।

भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कक्षा आठ से कक्षा 10 तक के छात्र-छात्राओं के लिए अगस्त में एक ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की थी। अंतरिक्ष एजेंसी ने प्रतियोगिता में शामिल होने वालों में से शीर्ष 60 का चयन इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए किया।

इसरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थी प्रधानमंत्री के साथ बैठकर चंद्रयान की ‘साफ्ट लैंडिंग’ का दृश्य सीधे देखेंगे। गत 22 जुलाई को प्रक्षेपित किए गए ‘चंद्रयान-2’ का लैंडर ‘विक्रम’ अपने साथ रोवर ‘प्रज्ञान’ को लेकर सात सितंबर की रात डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच चांद पर उतरेगा। यदि इसमें सफलता मिलती है तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा और चांद के अब तक अनदेखे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।

लैंडर के उतरने के लगभग चार घंटे बाद इसके भीतर से रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर एक चंद्र दिवस (धरती के 14 दिन के बराबर) तक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा। वहीं, चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर का जीवनकाल एक साल का है। इस दौरान वह लगातार चांद की परिक्रमा कर धरती पर बैठे इसरो के वैज्ञानिकों को पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह (चंद्रमा) के बारे में जानकारी भेजता रहेगा।

केंद्रीय विद्यालय दिल्ली कैंट में कक्षा नौ के छात्र मनोज्ञ सिंह सुयांश ने कहा कि वह इसरो का बेंगलुरु मुख्यालय देखने के लिए रोमांचित हैं और भविष्य में अंतरिक्ष यात्री बनना चाहते हैं। सुयांश ने कहा, ‘‘मैं कक्षा तीन से ही अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति आकर्षित हूं। उस समय मैंने छुट्टियों के होमवर्क के तहत नौ ग्रहों का एक मॉडल भी बनाया था। तब से इस बारे में मेरी रुचि उत्पन्न हुई और इस बारे में किताबें पढ़नी शुरू कीं।’’ उन्होंने कहा कि क्विज में पूछे गए सवाल कठिन नहीं थे, लेकिन जवाब देने के लिए निर्धारित समय निर्णायक कारक था। मेघालय से रामकृष्ण मिशन स्कूल के रिबैत पाहवा और लखनऊ से दिल्ली पब्लिक स्कूल की राशि वर्मा ने कहा कि वे न सिर्फ ‘चंद्रयान-2’ के चांद पर उतरने का दृश्य सीधे देखने, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलने को लेकर भी बेहद रोमांचित हैं। वर्मा ने कहा, ‘‘उनसे मिलने का मेरा सपना तभी से है जब वह (मोदी) पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। तब मैं पांचवीं कक्षा में थी। मुझे खुशी है कि मैं ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनूंगी और प्रधानमंत्री मोदी से मिलूंगी।’’ ओडिशा के चिन्मय चौधरी को जैसे ही अपने चयन की खबर मिली, वह तुरंत बैग पैक करने में लग गए और अब अपने पिता के साथ बेंगलुरु रवाना होने को तैयार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इसरो से मेरे चयन का पत्र मिला है और एक अभिभावक भी मेरे साथ जा सकता है। मैं और मेरे पिता जा रहे हैं।’’ केंद्रीय विद्यालय संगठन के अनुसार इस ऐतिहासिक क्षण के लिए देशभर से चुने गए 60 विद्यार्थियों में से 16 केंद्रीय विद्यालयों के हैं। क्विज में भाग लेने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को भागीदारी प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा। 20 प्रश्नों वाली इस प्रतियोगिता का आयोजन 10 से 20 अगस्त तक किया गया। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement