राष्ट्रीय राजधानी में बारिश और तेज हवाओं के कारण चंद दिनों के लिए प्रदूषण से थोड़ी राहत मिलने के बाद रविवार को वायु गुणवत्ता फिर खराब हो गई और आगामी दिनों में इसके और खराब होने की आशंका है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन हल्की बारिश के कारण बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
कृषि राज्य मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली के प्रदूषण में पराली की हिस्सेदारी मात्र तीन प्रतिशत होने के बावजूद दिल्ली सरकार प्रदूषण के मुद्दे को सियासी वजहों से तूल दे रही है।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने जब पूरक प्रश्न पूछते समय यह बात कही तो सदन में बैठे सदस्यों के चेहरे पर मुस्कान उभर आयी।
राज्यसभा में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा ने दो केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट को लेकर उन पर निशाना साधा और कहा कि वे प्रदूषण से बचने के लिए ‘‘ गाजर खाने और संगीत सुनने’’ जैसी दिलचस्प सलाह दे रहे हैं।
आज दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ गया है। हवा की गति कम होने और आर्द्रता का स्तर अधिक होने के कारण दिल्ली और एनसीआर के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
दिल्ली में प्रदूषण की डराने वाली तस्वीर पर कल लोकसभा में जबरदस्त चर्चा हुई। लोकसभा में हुई चर्चा इस बात के संकेत हैं कि ये समस्या बड़ी है और इस पर नियंत्रण पाना भी बेहद जरूरी है।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक अभिभावकों का मानना है कि स्कूलों में अब अन्य छुट्टियों की तरह प्रदूषण से बचने के लिए भी अवकाश दिया जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ और हवा की मंद गति के कारण प्रदूषण कणों का घेराव जस का तस बना रहता है। सफर ने कहा कि 14 नवंबर को पराली जलाने की केवल दो घटनाओं का पता चला।
दिल्ली-एनसीआर को स्मॉग की चादर ने ढक रखा है। नवंबर महीने में दिल्ली में हवा की क्वालिटी साल के सबसे खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। स्कूल कॉलेज आज भी बंद हैं। हालात बेकाबू होता देख दिल्ली हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को सीधे शब्दों में बताएं तो यहां रहने वाला हर शख्स हर दिन औसतन 25 सिगरेट का धुंआ सांसों के जरिए ले रहा है। नवंबर का लगभग आधा महीना बीतने वाला है लेकिन एक दिन को छोड़कर दिल्ली के लोगों को अब तक किसी भी दिन साफ-सुथरी हवा सांस लेने को नहीं मिली है।
दिल्ली एनसीआर की हवा में सांस लेना एक बार फिर दुभर हो गया है। राजधानी और आसपास के शहरों में बीते दो दिनों से हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है।
श्रीनगर से लेकर मनाली तक भारी बर्फबारी हो रही है। भारी बर्फबारी की वजह से रास्ते ब्लॉक हैं, जिंदगी की रफ्तार थम गई है। वहीं देश के पश्चिम तट पर बुलबुल तूफान ने भयंकर तबाही मचाई है।
राष्ट्रीय राजधानी में चल रही हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता में आंशिक रूप से सुधार दर्ज किया गया लेकिन इसके बावजूद रविवार सुबह भी प्रदूषण का स्तर ‘खराब’ श्रेणी में रहा।
नासा की उपग्रह से ली गई तस्वीर में पराली जलाने की संख्या में कमी दिखायी दी। विशेषज्ञों ने बताया कि शुक्रवार शाम के बाद से फिर हवा की गति बढ़ेगी जिससे प्रदूषक तत्वों का छितराव होगा।
पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार का यह दावा सही नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान वायु प्रदूषण में 25 प्रतिशत की कमी आई है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई की। इस दौरान दिल्ली, पंजाब, हरियाणा के मुख्य सचिव न्यायालय में उपस्थित रहे।
दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बुधवार की सुबह सुधार हुआ और यह 'अति गंभीर प्लस' से 'खराब' श्रेणी में पहुंच गई है। इससे हफ्ते भर के बाद लोगों को राहत मिली।
दिल्ली और इससे लगे इलाकों में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर मंगलवार को स्वत: संज्ञान लेते हुए खुद से एक नया मामला दर्ज किया, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी।
प्रदूषण के हानिकारक स्तर पर पहुंचने के बाद 4 दिन से बंद दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूल बुधवार से दौबारा खुल रहे है। दीवाली के बाद से प्रदूषण की वजह से दिल्ली गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और फरीदाबाद के सभी सरकारी एवं निजी स्कूल बंद कर दिए गए थे।
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