केंद्र सरकार से बातचीत का पहला राउंड फेल होने के बाद किसानों ने आंदोलन तेज कर दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने बवाल शुरू कर दिया है। यहां किसान रास्ता जाम करने के लिए गाय लेकर पहुंच गए हैं।
तीन केन्द्रीय मंत्रियों के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। देश में नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के मुद्दों पर विचार विमर्श के लिए एक समिति गठित करने की सरकार की पेशकश को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं और सरकार बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बैठक खत्म होने के बाद कहा कि किसान नेताओं के साथ तीसरे दौर बातचीत ठीक रही। अब परसों फिर बैठक होगी।
विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान जिन स्थानों पर एकत्र हैं, वहां से कोविड-19 के गंभीर प्रसार की आशंका है, यहां अनेक किसानों ने मास्क नहीं पहन रखे हैं।
कल किसानों को प्रस्ताव देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार उनसे जल्दी बात करे तो उन्हें आंदोलन के लिए निर्धारित जगह पर जाना होगा।
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