पाकिस्तान एफएटीएफ सिफारिशों की उपेक्षा करता है और उसे लागू नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की।
पाकिस्तान की ओर से 15 महीनों का एक ऐक्शन प्लान रखा गया और बताया गया कि उसके यहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादिकयों का धन का रास्ता बंद करने के क्या उपाय किए गए हैं।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा पाकिस्तान को ग्रे-सूची में डालने के बाद राष्ट्रीय मुद्रा के मूल्य में गिरावट के बीच देश के भीतर मुद्रा संचरण को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं।
भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की आतंकवादी समूहों को पालने-पोसने की नीति के मुद्दें को उठाता रहा है और अब इसका असर देखने को मिल भी रहा है.....
एफएटीएफ पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। एफएटीएफ की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।
पेरिस स्थित बहुपक्षीय संगठन वित्तीय कार्यवाई बल (एफएटीएफ) ने आतंकवादी संगठनों को धन उपलब्ध कराने के रास्ते बंद करने की पाकिस्तान की योजना को भरोसेमंद नहीं माना है और उसे इस मामले में संदिग्ध देशों की सूची में डाल दिया है।
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल FATF ने आतंकवाद को देश में पालने के चलते पाकिस्तान को 'ग्रे सूची' में डाला है। FATF के इस कदम के बाद पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाए हैं।
FATF places Pakistan on the ‘grey list’ of countries that finance terrorism
पाकिस्तान ने इसे एक अपनी जीत की तरह लिया था। वहीं डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन पेरिस में मौजूदा वित्तीय कार्रवाई कार्यबल :एफएटीएफ: की बैठक में पर्दे के पीछे से काम कर रहा था ताकि वह उस देश के खिलाफ कार्रवाई कर सके
RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ सहयोग न करने वाले देशों में भारतीय इकाइयों द्वारा निवेश करने पर प्रतिबंध लगाया।
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