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पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, FATF ने ग्रे लिस्ट में रखा बरकरार

पाकिस्तान की ओर से 15 महीनों का एक ऐक्शन प्लान रखा गया और बताया गया कि उसके यहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादिकयों का धन का रास्ता बंद करने के क्या उपाय किए गए हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : Feb 22, 2019 02:17 pm IST, Updated : Feb 22, 2019 02:17 pm IST
पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, FATF ने ग्रे लिस्ट में रखा बरकरार- India TV Hindi
पाकिस्तान को लगा बड़ा झटका, FATF ने ग्रे लिस्ट में रखा बरकरार

नई दिल्ली: आतंकवादियों को फंडिंग करने वाले पाकिस्तान को बड़ा झटका देते हुए फाइनेंसियल टास्क फोर्स ने उसे लिस्ट में बरकार रखा है। पाकिस्तान FATF को जैश, जमात उद दावा और हक्कानी जैसे आतंकी संगठनों को आर्थिक मदद नहीं करने के पर्याप्त सबूत नहीं दे सकी। FATF ने पाकिस्तान को रिस्क सुपरविजन को मजबूत करने को कहा साथ ही टेरर फंडिंग रोकने के संदर्भ में पर्याप्त सबूत देने को कहा है।

पाकिस्तान की ओर से 15 महीनों का एक ऐक्शन प्लान रखा गया और बताया गया कि उसके यहां मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादिकयों का धन का रास्ता बंद करने के क्या उपाय किए गए हैं। एफएटीए ने इसके एक दिन बाद अपने निर्णय की घोषणा की। हालांकि, ग्रे लिस्ट में जाने से भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश पर भी विपरीत असर पड़ता है।

पाकिस्तान पर भारत समेत तमाम देशों ने आतंकी फंडिंग का आरोप लगाया है और इसके सबूत भी पेश किये गए थे कि किस तरह लश्करे तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन वहां खुलेआम चंदा वसूल रहे हैं और बैंकिंग सिस्टम का भी उपयोग कर रहे हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ ने इन आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित कर रखा है। 

यहां पर ये भी बता दें कि पिछली बार जब FATF में इस बारे में बहस हुई थी तब भी पाकिस्‍तान ने इसी तरह का कदम उठाया था लेकिन इसका असर कहीं भी देखने को नहीं मिला। हाफिज सईद हमेशा से ही वहां पर खुला घूमता आया है। वही आज भी जारी है।

FATF पैरिस स्थित अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है। इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज मिलने में काफी कठिनाई आती है।

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