घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से सरकार ने मसूर और तुअर जैसी दालों का 90,000 टन अतिरिक्त आयात करने का निर्णय किया है।
बढ़ती घरेलू मांग के कारण अक्टूबर में समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में भारत का वनस्पति तेल का आयात रिकॉर्ड 1.5 करोड़ टन के स्तर को छू जाने की संभावना है।
देश का निर्यात जुलाई में 6.84 फीसदी घटकर 21.69 अरब डॉलर रह गया। इंजीनियरिंग वस्तुओं तथा पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में गिरावट से कुल निर्यात नीचे आया है
चीन में भारतीय राजनयिक मिशन ने भारत के व्यापारियों को आगाह करते हुए कहा है कि उन्हें आर्डर किए गए सामान के बदले बालू, पत्थर, नमक, ईंट आदि मिल सकते हैं।
पिछले 18 महीनों से लगातार गिरावट में चल रहे भारत के निर्यात में पहली बार सुधार दिखाई पड़ा है। जून में निर्यात 1.27 फीसदी बढ़कर 22.57 अरब डॉलर हो गया
घरेलू बाजार में सप्लाई बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से दिसंबर की अवधि के दौरान भारत के द्वारा करीब 50 लाख टन दलहन का आयात किए जाने की संभावना है।
अब घरेलू विमानन कंपनियां अब 18 साल तक पुराने विमानों का देश में आयात कर सकेंगी। कैंद्र सरकार इस संबंध में दो दशक पुराने नियमों में बदलाव कर रही है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, भारत को वस्तुओं के लिए तत्काल उचित मानक स्थापित करने की जरूरत है। इससे इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है।
दलहन की बढ़ती कीमत पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने एक उच्च-स्तरीय शिष्टमंडल मोजांबिक भेजा है जो सरकारी स्तर पर इसके आयात के लिए पहलों की संभावना तलाशेगा।
देश का पॉम आयल का आयात मई महीने में 27.54 फीसदी घटकर 6,57,454 टन रहा। गर्मियों में मांग कम होने तथा अत्यधिक भंडार से आयात में कमी आई।
मांग-सप्लाई के अंतर को कम कर दालों की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए भारत विदेशी सरकारों के साथ कॉन्ट्रैक्ट करने की योजना बना रहा है।
रबड़ की कमी का सामना करते हुए भारत अपनी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए थाइलैंड से तीन लाख टन प्राकृतिक रबड़ का आयात करने के बार में सोच रहा है।
भारत 2015 में दुनिया में शीर्ष दस इस्पात आयातकों में रहा। विश्व इस्पात संघ (डब्ल्यूएसए) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
अप्रैल में व्यापार घाटा आधे से अधिक घटकर 4.84 अरब डॉलर रह गया, जो इससे पिछले साल के समान महीने में 11 अरब डॉलर रहा था।
एक बार फिर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। इस बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे ईरान हो सकता है।
सरकार चालू वित्त वर्ष में कोयला आयात में कमी के जरिये 40,000 करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा की बचत का लक्ष्य लेकर चल रही है।
वैश्विक मांग में कमी और पेट्रोलियम व इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में गिरावट के चलते देश का निर्यात मार्च में 5.47 फीसदी घटकर 22.71 अरब डॉलर रह गया।
फरवरी में सोने का आयात 29.49 फीसदी घटकर 1.39 अरब डॉलर रह गया। इससे पहले जनवरी में इसमें तेज बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। आयात कम होने से कैड पर अंकुश लगेगा है।
पेट्रोलियम तथा इंजीनियरिंग वस्तुओं के एक्सपोर्ट में गिरावट के कारण देश का कुल वाणिज्यिक निर्यात फरवरी में 5.66 फीसदी घटकर 20.73 अरब डॉलर के बराबर रहा
राजन ने कहा कि निर्यात सिर्फ उत्पादकता में बढ़ोतरी, बुनियादी ढांचे में सुधार और नियमों को आसान बनाकर ही बढ़ाया जा सकता है जो सरकार के दायरे में है।
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