मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बुधवार सुबह एक ट्वीट किया है जिसमें विश्वासघात की तस्वीर के साथ कांग्रेस द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर किए गए 'अहसानों' की पूरी लिस्ट दी गई है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद मध्य प्रदेश की राजनीति में उठापटक तेज हो गई है, या यूं कहें रिजॉर्ट पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों पार्टियां अपने विधायकों को एकजुट करने के अभियान में जुट गई है।
मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता रहे माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ने के बाद अब जल्द ही औपचारिक तौर पर भाजपा का दामन थामेंगे। सिंधिया समर्थक विधायकों के समर्थन से भाजपा फिर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा करने की मुक्कमल तैयारी कर चुकी है।
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर खड़े हुए संकट के बीच कांग्रेस के नेता और दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने पार्टी के पास 94 विधायक होने का दावा करते हुए कहा कि जरूरत पड़ने पर कांग्रेस लड़ने के लिए तैयार है।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पर गहराए संकट के बीच कांग्रेस विधायकों की भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार को बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने की। बताया जा रहा है कि बैठक में 88 से 90 विधायक मौजूद थे हालांकि कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह ने बताया कि 94 विधायक पार्टी के साथ हैं।
साल 2018 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 114 सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत हुई थी जबकि भारतीय जनता पार्टी को 109 सीटें मिली थी। हालांकि कांग्रेस पार्टी को 2 बसपा, एक सपा और 4 निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दे दिया था जिससे राज्य में 120 विधायकों के साथ कांग्रेस की सरकार बनी थी।
1967 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बहुमत हासिल हुआ था, और डी.पी. मिश्रा मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन बाद में कांग्रेस के 36 विधायकों ने विजयाराजे के प्रति अपनी निष्ठा जाहिर की और विपक्ष से जा मिले। डी.पी. मिश्रा को इस्तीफा देना पड़ा था। अब एक बार फिर वही पटकथा लिखी गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया आज भाजपा ज्वाइन नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कल शिवराज सिंह चौहान के सामने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।
इंडिया टीवी पर आयोजित डिबेट शो में शहनवाज हुसैन ने कहा कि सिंधिया के लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनको किनारे किया, अपमानित किया। उनके विधायक जो मंत्री थे, उनको भी अपमानित किया। ज्योतिरादित्य स्वाभिमानी व्यक्ति हैं, उन्होंने स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया और कांग्रेस पार्टी को त्याग दिया। ये तो शुरुआत है।
कर्नाटक के बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक विधायकों ने इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक पुलिस के डीजीपी को पत्र लिख सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग की है।
दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा कि अब लग रहा है कि कांग्रेस की सरकार नहीं रहेगी। हमें विपक्ष में बैठने के लिए तैयार रहना चाहिए, मजबूत विपक्ष बनकर काम करेंगे। हम कमर कसकर तैयार हैं।
मध्य प्रदेश की राजनीति में जारी सियासी घमासान के बीच सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों को तत्काल मंत्रिपद से हटाने की सिफारिश की है।
आज होली के दिन मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार पर कौन सा रंग चढ़ेगा ये दिन चढ़ने के साथ-साथ ही साफ होता जाएगा। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल पहुंच गए है।
राज्य के हालातों को लेकर दिल्ली में भाजपा के खेमे में भी बैठके हुईं। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इन बैठकों में मध्य प्रदेश के राजनीतिक घटनाक्रम पर आगे की रणनीति तैयार की गई।
मध्य प्रदेश में गहराते सियासी संकट के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक्शन मोड में आ गई है। पार्टी ने मंगलवार को भोपाल में विधायक दल की बैठक बुलाई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कल से किसी भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता का फोन नहीं उठा रहे हैं और वो भाजपा के बड़े नेताओं के संपर्क में हैं। सूत्रों ने ये भी जानकारी दी कि 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में भाजपा कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।
पार्टी में मचे इस घमासान को लेकर लेकर जब मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सब अफवाह है। होली का त्योहार है, विधायक बेंगलुरु घूमने गए होंगे। जब उनसे ज्योदिरादित्य को राज्यसभा भेजने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सब सोनिया गांधी के हाथों में है।
मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाओं ने कई विधायकों में आस जगा दी है। यही कारण है कि निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने गृहमंत्री बनने की इच्छा जताई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार खतरे में है। दरअसल कांग्रेस के कुल 6 मंत्रियों सहित 17 विधायक पहुंच से बाहर बताए जा रहे हैं।
राज्य में 10 विधायकों के लापता होने के बाद से बीते छह दिनों से सियासी घमासान चल रहा है। अब तक सात विधायक लौट आए हैं और बिसाहू लाल सिंह रविवार की रात लौट आए।
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