आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान ने अब भारतीय सिख समुदाय से वहां निवेश की गुजारिश की है। पाकिस्तान ने दुनियाभर में मौजूद सिखों को ननकाना-करतापुर कॉरिडोर के निकट निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है।
पाकिस्तान ने नवंबर में बगैर वीजा के भारत के सिखों को नरोवाल जिला स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा की तीर्थयात्रा करने के लिए करतारपुर सीमा खोल दिया।
पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा था कि करतारपुर साहिब गुरद्वारा कांग्रेस के नेताओं की सूझ-बूझ की कमी के कारण पाकिस्तान में चला गया। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की गलतियों को सुधारना उनकी नियति हैं।
चीन ने सोमवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारा खोले जाने पर हुई अच्छी बातचीत से बीजिंग खुश है।
नेशनल कांफ्रेस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को भारत और पाकिस्तान से अनुरोध किया कि ‘करतारपुर कॉरिडोर की भावना का अनुकरण’ करते हुए जम्मू कश्मीर से जुड़े नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा के सभी रास्तों को खोलें।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भारत के साथ अमन चाहते हैं। यहां के लोगों की मानसिकता बदल चुकी है।
महबूबा ने मीडिया की उन खबरों की भी आलोचना की जिनमें दावा किया गया है कि इस पहल से भारत में ‘खालिस्तान एजेंडा’ को बढ़ावा मिलने की आशंका है।
सिखों के सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक करतापुर साहिब कॉरिडोर का शिलान्यास अब से कुछ देर पहले पाकिस्तान में हो गया है। इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा मिल सकेगी।
पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा करतारपुर गलियारे के शिलान्यास पत्थर पर अकाली नेताओं के नाम लिखे होने से नाराज हो गए।
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