बाजार मूल्य के हिसाब से देश की टॉप दस कंपनियों की सूची में केवल भारतीय स्टेट बैंक और बजाज फाइनेंस नुकसान में रहीं। वहीं बाजार मूल्य में बढ़त के हिसाब से सबसे आगे टीसीएस रही
शेयर बाजारों में दो दिन की तेजी से बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3,48,431.23 करोड़ रुपये बढ़कर 2,40,23,280.14 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह इसका सर्वकालिक उच्चस्तर है।
मौद्रिक नीति में अपेक्षित यथास्थिति के साथ-साथ मजबूत इक्विटी बाजारों से आगामी सप्ताह के दौरान रुपये के मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।
शेयर बाजार में पिछले दो दिनों की तेजी में निवेशकों की संपत्ति 4,09,200.15 करोड़ रुपये बढ़ी। इससे बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुक्रवार को 235.11 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।
सोमवार को सामने आई एक नई रिपोर्ट मुताबिक, मिलिनिएल्स और जेन जेड के नेतृत्व में ऑनलाइन गतिविधियों में तेजी हुई है। इसे देखते हुए भारत का डिजिटल विज्ञापन बाजार अगले दशक में 10 गुना बढ़ने की उम्मीद है।
बाजार मूल्य के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज रही। जिसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर का स्थान रहा।
मंगलवार के कारोबार में एफएमसजी और फार्मा सेक्टर आधा प्रतिशत से ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुए। इनके अलावा बाकी सभी सेक्टर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है।
सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से पांच कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह 1,01,389.44 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में आईटी क्षेत्र की कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस रहीं।
निवेशकों की खरीदारी जारी रहने से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को 229 लाख करोड़ रुपये के पर अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया।
निवेश गुरू वॉरेन बफेट ने निवेश के कई नियम दिये हैं, और बाजार में निवेश से करोड़ों कमाने वाले निवेशकों ने खुलासा किया है कि उन्होने इन नियमों को मान कर ही संपत्ति बनाई है
कोरोना संकट की वजह से अर्थव्यवस्थाओं को बड़ा झटका लगा है, वहीं कोरोना की नई लहर से रिकवरी की रफ्तार पर भी असर पड़ने की आशंका बन गई है।
शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट से निवेशकों को 2.16 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आयी।
शेयर बाजार ने चालू वित्त वर्ष में विभिन्न बाधाओं के बावजूद निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया। कोविड-19 संकट और अर्थव्यवस्था पर पड़े उसके प्रभाव के बाद भी बीएसई सेंसेक्स में 66 प्रतिशत से अधिक की तेजी आयी।
शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह दीर्घावधि में अमेरिकी बांड पर प्राप्ति, कच्चे तेल की कीमतों तथा वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
बाजार में बहुत बड़ी गिरावट ने एकबार फिर निवेशकों के आंसू निकाल दिए है। इस गिरावट के बाद कई लाख करोड़ रुपए का नुकसान निवेशकों को हुए है। बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को 1,900 अंक से अधिक की गिरावट के साथ निवेशकों को 5.3 लाख करोड़ रुपए की चपत लगी।
एनएसई में कनेक्टिविटी के मुद्दे की वजह से 11:40 बजे कारोबार बंद हो गया था। यह 3:30 बजे तक बंद रहा था। बाद में एनएसई और बीएसई ने कारोबार के समय को बढ़ाकर पांच बजे तक करने का फैसला किया था।
बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को बड़ी जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। यह पिछले दो माह में यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। इस गिरावट से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
आज के कारोबार में करीब 240 शेयर साल के उच्चतम स्तरों तक पहुंचे हैं। वहीं 42 स्टॉक आज अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंचे हैं। टाटा मोटर्स में 15 फीसदी से ज्यादा की बढ़त रही है।
इस सप्ताह जिन कंपनियों के तिमाही परिणाम आने हैं, उनमें यूको बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, ल्यूपिन, मारुति सुजुकी इंडिया और टाटा मोटर्स शामिल हैं। इन कंपनियों के स्टाक में एक्शन देखने को मिल सकता है।
यह आईपीओ 178.20 करोड़ शेयरों का होगा। इसमें 118.80 करोड़ नए शेयर जारी किए जाएंगे जबकि सरकार 59.40 करोड़ शेयर की बिक्री पेशकश लाएगी।
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