नासा ने कहा है कि हाल ही में ज्वेज्दा सर्विस मॉड्यूल के सबसे पिछले हिस्से में मरम्मत का काम हुआ था। ऐसे में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के परिचालन का आंकलन करने के लिए थोड़े और समय की जरूरत है।
मिशनरी अस्पताल में फर्जी डॉक्टर ने सर्जरी की थी और सात लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जांच की गई और अब आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। जांच में पता चला कि डॉ एन जॉन केम का असली नाम नरेंद्र यादव है।
नासा के वैज्ञानिकों ने सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सफल वापसी के बाद अब अंतरिक्ष में अपना एक नया मिशन शुरू किया है। अब नासा का बोइंग स्टारलाइनर विमान परीक्षण उड़ान भरने को तैयार है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अंतरिक्ष जगत में फिर से एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसरो ने स्पेडेक्स मिशन में अनडॉकिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया है।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,985 करोड़ रुपये की लागत से तीसरा प्रक्षेपण स्थल स्थापित करने को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी, जिसे चार साल की अवधि के भीतर स्थापित करने का लक्ष्य है।
अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आखिरी वक्त में अंतरिक्ष की उड़ान को रद्द कर दिया है। स्टारलाइनर कैप्सूल में दोनों अंतरिक्ष यात्री सवार हो चुके थे और स्पेसक्रॉफ्ट की उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी, लेकिन आखिरी 40 सेकेंड में कंप्यूटर में आई तकनीकी खामी के कारण इसे रद कर दिया गया।
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) की सफलताओं ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है। दुनिया के कई थिंक टैंक अब खुले तौर पर यह मानने को विवश हो गए हैं कि भारत दुनिया के तमाम देशों के लिए अंतरिक्ष का अगुवा बन चुका है। भारत की सफलताओं ने उसे अंतरिक्ष के शीर्ष में ला खड़ा किया है।
धरतीवासियों के मंगल ग्रह पर बसने का सपना अब पूरा होने जा रहा है। नासा ने इसके लिए लोगों से आवेदन मांगा है। नासा अपने पहले मार्श मिशन में 1 वर्ष के लिए कुछ लोगों को मंगल ग्रहवासी बनाने जा रहा है। इसमें उसके रहने के लिए 3 डी घर और खाने-पीने की व्यवस्था होगी। मार्श वाक, फसल उत्पादन, व्यायाम कार्य विकसित होंगे।
चांद से एक बार फिर खुशखबरी आई है। खुशखबरी यह है कि चंद्रमा पर गए एक चंद्रयान ने 9 दिन तक 'शांत' रहने के बाद फिर से काम करना शुरू कर दिया है। इस देश ने भारत के बाद अपना चंद्रयान चंद्रमा के लिए छोड़ा था। इससे पहले इस देश ने तीन बार यह चंद्र मिशन टाल दिया था।
अमेरिकी सेना का एक अंतरिक्ष यान गुप्त मिशन के लिए रवाना किया गया है। यह करीब 2 वर्षों तक अपने मिशन को अंजाम देगा। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने इसके मिशन को बेहद गुप्त रखा है। यह अमेरिकी सेना का एक्स-37 बी विमान है, जो इससे पहले 6 अन्य मिशन को अंजाम दे चुका है।
आदित्य एल-1 ने अपने टेलीस्कोप से सूरज की रंग बिरंगी तस्वीरें कैद की है। इन तस्वीरों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने जारी किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के गगनयान मिशन की प्रगति का आकलन करने के लिए एक मीटिंग बुलाई। इस बैठक में भारत के स्पेस एक्प्लोरेशन प्रयासों के भविष्य की रुपरेखा की तैयारी को लेकर भी बातचीत हुई।
इसरो अपने मून मिशन चंद्रयान के बाद अब सूर्य मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। 2 सितंबर को प्रक्षेपण के लिए इसरो का आदित्य-एल1तैयार है।
इसरो ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा के काफी करीब पहुंच गया है। अब जल्द ही वह चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला है। इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है।
इस बार का भारत का गगनयान मिशन अंतरिक्ष में नया इतिहास रचने को आतुर है। धरती से लेकर आसमान तक लगातार भारत की धमक बढ़ती जा रही है। इससे दुश्मन चीन ही नहीं, बल्कि तरक्की के ऐसे तजुर्बे को देखकर अमेरिका भी हैरान है। दरअसल भारत ने अबकी बार के गगनयान मिशन को सतत मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम से जोड़ दिया है।
‘यह भारत में अंतरिक्ष खगोल विज्ञान के विकास में एक बड़ी उपलब्धि है।’ आदित्य एल1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैगरेंगियन प्वाइंट1’ के पास स्थित एक कक्षा से सूर्य का अध्ययन करने का भारत का प्रथम अंतरिक्ष मिशन है।
भारतीय मूल के उद्योग विशेषज्ञ ए .सी चरानिया अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा मुख्यालय में प्रशासक बिल नेल्सन के प्रधान सलाहकार के तौर पर सेवाएं देंगे। वह प्रौद्योगिकी नीतियों और कार्यक्रमों पर सलाह देंगे। नासा ने सोमवार को एक बयान में कहाकि अपनी स्थिति में ए सी चरानिया छह मिशन निदेशालयों में काम करेंगे।
China Now Forecast Space Weather: अंतरिक्ष की दुनिया में चीन लगातार कामयाबी के शिखर को चूम रहा है। कई मायनों में चीन अब अमेरिका को भी पीछे छोड़ चुका है। अंतरिक्ष में चीन के बुलंदियों से अमेरिका की चिंताएं बढ़ गई हैं। अब ड्रैग ने दुनिया का ऐसा पहला सोलर टेलीस्कोप बनाया है।
NASA DART Mission: नासा के डार्ट मिशन को सफलता मिल गई है। उसका अंतरिक्ष यान एक उल्कापिंड से टकराया था और उसकी कक्षा बदलने में सफल रहा है।
NASA DART Mission: ‘डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट’ (डार्ट) के अंतरिक्षयान ने इरादतन डाइमॉरफोस नाम के उल्कापिंड को 26 सितंबर को टक्कर मारी थी। डाइमॉरफोस वास्तव में डिडिमोस नाम के उल्कापिंड का पत्थर था।
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