देशभर में ट्रक हड़ताल ही वजह से हो रही परेशानी के बावजूद राहत की बात ये है कि इससे महंगाई नहीं बढ़ी है। बीते 2 दिन के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की अधिकतर चीजों के दाम या तो स्थिर हैं या फिर कुछेग जगहों पर बहुत मामूली बढ़ोतरी हुई है। कई जगहों पर तो रोजमर्रा के इस्तेमाल की कुछेक जरूरी चीजो के दाम बढ़ने के बजाय घटे हैं। हड़ताल 20 जुलाई को शुरू हुई थी और आधिकारिक तौर पर अभी खत्म नहीं हुई है।
देश के कुछेक राज्यों में किसान आंदोलन के बावजूद सब्जियों की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है और दूध के दाम तो 3 दिन से स्थिर हैं। इस तरह की खबरें आ रही थी कि कई जगहों पर किसानों ने फल और सब्जियां सड़कों पर फैंकी हैं और साथ में दूध भी सड़कों और नालियों में बहा दिया है। लेकिन कीमतों को देखते हुए लग रहा है कि यह घटनाएं कुछ सीमित जगहों पर ही हुई हैं, शायद यही वजह है कि सब्जियों और दूध की कीमतों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
देश की प्रमुख आलू मंडी आगरा में 2 महीने में आलू के थोक भाव में 50 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। 2 महीने पहले यानि मार्च अंत में आगरा मंडी में आलू का थोक भाव 830 रुपए प्रति क्विंटल था जो अब बढ़कर 1250 रुपए प्रति क्विंटल तक आ गया है।
केंद्र सरकार ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को खत्म करने की घोषणा की है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले दिनों आलू को लेकर सियासत गरमा गई थी। विधानसभा और राजभवन के सामने आलू फेंके जाने के बाद विपक्ष अचनाक ही आक्रामक हो गया था...
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सड़कों पर आलू फेंके जाने की घटना के बाद अब सरकार ने इस पर फैसला ले लिया है। अब सरकार ने आलू का समर्थन मूल्य 79 रुपए बढ़ा दिया है।
कीमत की बात करें तो फार्मलैंड के फ्रेंच फ्राई आलू के पैक में सिर्फ 2 आलू होंगे और उस पैक की कीमत 26 रुपए प्रति पैक निर्धारित की गई है।
आलू उत्पादन इस साल करीब 4.7 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह 2014 में सर्वकालिक उत्पादन स्तर के काफी करीब है। 2015-16 में उत्पादन 4.34 करोड़ टन रहा था।
होली से पहले सरसों तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है। माना जा रहा है कि मार्च महीने में सरसों तेल की कीमतें 10 रुपए तक गिर सकती है।
इस साल प्याज की अधिक कीमतों की वजह से आपकी आंखों से आसूं ज्यादा निकलेंगे। सरकार ने चालू वर्ष में प्याज उत्पादन 5.8 प्रतिशत घटने का अनुमान व्यक्त किया है।
केंद्र सरकार ने आगामी त्योहारों के दौरान आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से गेहूं और आलू पर आयात शुल्क घटाकर 10 फीसदी कर दिया
ट्रेडर्स के मुताबिक अच्छे मानसून के चलते की इस बार उत्पादन में बढ़ोत्तरी हई है। इसीलिए अक्टूबर महीने में आलू और टमाटर के दाम थोक में 10 रुपए तक गिर सकते है।
सरकार ने कहा कि देश का प्याज उत्पादन जून 2016 को समाप्त फसल वर्ष में 2.1 करोड़ टन की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचने का अनुमान है।
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