नागौर की किसान रैली में सचिन पायलट का पूरा फोकस नौजवानों और किसानों पर ही था, तो वहीं निशाना बीजेपी पर था, लेकिन इशारों इशारों में सचिन पायलट ने पेपर लीक केस के बहाने अशोक गहलोत की सरकार को भी घेरा।
जयपुर में पार्टी के अधिवेशन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में रंधावा ने कहा, अधिवेशन में सभी वक्ताओं ने संगठन की मजबूती पर जोर दिया। हर वक्ता ने कहा कि संगठन मजबूत होगा, तो कांग्रेस मजबूत होगी। संगठन मजबूत होगा तो कांग्रेस सत्ता में वापस आएगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बीते दिन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत की तारीफ की थी। इसे लेकर राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम गहलोत पर तंज कसा। पायलट ने कहा कि मोदी ने गुलाम नबी आजाद की भी इसी तरह तारीफ की थी। पायलट के इस बयान पर अब पलटवार करते हुए गहलोत ने कहा है कि नेता बयानबाजी ना करें।
Rajasthan: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक बार फिर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। दरअसल मंगलवार को पीएम मोदी ने सीएम गहलोत की मानगढ़ में तारीफ की थी। इसी बात को लेकर पायलट ने कहा कि इससे पहले पीएम मोदी ने गुलाम नबीं आजाद की भी तारीफ की थी।
Rajasthan Politics: राजस्थान में बीजेपी अब गहलोत और पायलट कैंप के बीच चल रही खींचतान का फायदा उठाने में जुट गई है...जयपुर में आज बीजेपी लीडर्स के डेलीगेशन में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात की और उनसे कांग्रेस के उन 90 विधायकों के इस्तीफे पर जल्द फैसला करने की अपील की।
Sachin Pilot: राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने अपनी भावनाओं एवं फीडबैक से उन्हें अवगत कराया है।
Rajasthan Political Crisis: यह बैठक तब हुई जब कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य के मंत्रियों शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौर को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
Rajasthan Political Crisis: सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर 'अनुशासनहीनता' के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
Rajasthan Political Crisis: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलें चल रही हैं। खाचरियावास ने कहा, विधायकों की बात को सुना जाना चाहिए, पार्टी नेतृत्व पर हमें भरोसा है।
Rajasthan Congress Crisis: इन बागी विधायकों ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के जरिए चिट्ठी भेजी है कि जरुरत पड़ी, तो इस्तीफा हर हाल में देंगे। दरअसल, ये विधायक दो मांगों पर अड़े हैं।
Ashok Gehlot vs Sachin Pilot: सचिन पायलट की अपनी ही सरकार की आलोचना ने राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच खुली लड़ाई की अटकलों को हवा दे दी है।
मुंबई में मानसून आ गया है लेकिन बारिश से लोगो की मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है | मुंबई के भांडुप इलाके में 2 महिलाएं खुले मैनहोल में गिरीं लेकिन बड़ा हादसा होने से रह गया
सचिन पायलट ने कहा कि कौन किस पद पर रहता है नहीं रहता, इसकी बहुत सी अटकलें लगाईं जा रही हैं। कांग्रेस से संबंधित सब लोग निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए बहुत ज़्यादा आकलन लगाने की जरूरत नहीं है जो होगा अच्छा होगा और सबको साथ लेकर होगा।
राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार द्वारा विश्वास मत जीते जाने पर कांग्रेस के सीनियर नेता और हाल में बगावत की वजह से सुर्खियां बटोरनेवाले सचिन पायलट ने कहा.....
राजस्थान कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट की शिकायत पर गौर करने के लिए कांग्रेस तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में प्रियंका गांधी वाड्रा, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को रखा गया है।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, इन नेताओं के बीच यह मुलाकात अभी भी जारी है।
पीठ ने कहा कि एकल पीठ 11 अगस्त को भाजपा और बसपा की अपील पर सुनवाई करेगी। भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा ने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील करते हुए मंगलवार को खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि राजस्थान के बागी कांग्रेस विधायकों को वापसी के लिए बातचीत से पहले भाजपा से दोस्ती तोड़नी होगी तथा उसकी मेजबानी छोड़कर घर लौटना होगा।
उन्होंने दावा किया कि 2018 में कांग्रेस के राज्य की सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार में ‘‘सीधे दो फाड़’’ हो गया था। उन्होंने कहा, ‘‘जब खुद मुख्यमंत्री ने ये कहा कि उनकी सचिन से डेढ़ साल में कोई बातचीत नहीं हुई है, तो यह स्थिति अपने आप सारी कहानी बयां करती है।’’
राजस्थान की रिजॉर्ट पॉलिटिक्स खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने समर्थक विधायकों को जैसलमेर शिफ्ट कर दिया है जहां उन्हें एक रिसॉर्ट में ठहराया गया है लेकिन जैसलमेर के रिसॉर्ट में शिफ्ट हुए विधायकों को लेकर तब सस्पेंस बन गया जब वहां कुल 11 विधायक-मंत्री नहीं पहुंचे।
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