ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय ने 500 साल पुरानी परंपरा तोड़ते हुए वेटिकन में पोप लियो XIV के साथ सिस्टाइन चैपल में प्रार्थना की। पिछले 500 सालों में यह पहली बार है जब किसी ब्रिटिश सम्राट ने कैथोलिक चर्च की धार्मिक सेवा में हिस्सा लिया।
गाजियाबाद में फर्जी दूतावास प्रकरण के बाद 'माइक्रोनेशन' चर्चा में है। माइक्रोनेशन वे क्षेत्र होते हैं जिन्हें कोई मान्यता नहीं होती, जबकि माइक्रोस्टेट छोटे लेकिन पूरी तरह से मान्यता प्राप्त और कानूनी देश होते हैं।
वेटिकन के अपने संस्थान भी लगातार अपना अंशदान कम कर रहे हैं। कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका के बिजनेस स्कूल में चर्च प्रबंधन कार्यक्रम के निदेशक रॉबर्ट गहल ने कहा कि लियो को अमेरिका के बाहर से दान जुटाना होगा, जो कोई छोटा काम नहीं है।
वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है। इसका आमदनी का अपना कोई खास जरिया नहीं है। यह देश ज्यादातर दान के पैसों पर निर्भर है।
पोप फ्रांसिस का निधन होने के बाद अब नए पोप का चुनाव होगा। नए पोप के चुनाव की प्रक्रिया बेहद गुप्त होगी। इस दौरान मोबाइल फोन सिग्नल भी ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार होने के बाद उनके अंतिम विश्राम स्थल को जनता के लिए खोल दिया गया है। इस दौरान समाधि स्थाल को देखने के लिए रोम बेसिलिका में हजारों लोगों की भीड़ नजर आई।
कैथोलिक चर्च के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसी सप्ताह सोमवार को उनका निधन हो गया था। पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनिया के कई बड़े नेता पहुंचे हैं।
बीते 21 अप्रैल को पोप फ्रांसिस का निधन हो गया था जिसपर भारत के पीएम नरेंद्र मोदी समेत पूरी दुनिया के नेताओं ने शोक व्यक्त किया था। अब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने वेटिकन सिटी जाएंगी।
पोप फ्रांसिस का निधन होने के बाद उनके पार्थिव शरीर को सेंट पीटर्स बेसिलिका में लाया गया है। यहां पोप फ्रांसिस को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए आम लोगों की भीड़ उमड़ रही है।
ईसाईयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप लाल जूते क्यों पहने रहते थे, इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी भी है। बता दें कि ईसाईयों में लाल रंग शहादत और ईसा मसीह के जुनून का प्रतीक माना जाता है।
ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरू पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। पोप ने वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। चलिए आपको बताते हैं कि उन्होंने अपने संदेश में क्या कहा था।
ईसाइयों के सबसे बड़े धार्मिक गुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। पोप फ्रांसिस पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे।
अस्पताल में भर्ती पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है। पोप की गुर्दे की समस्या अब कम हो गई है और उनको सांस संबंधी परेशानी से भी राहत मिली है।
अस्पताल में भर्ती पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है। पोप की गुर्दे की समस्या अब कम हो गई है और उनकी सांस संबंधी फिजियोथेरेपी की जा रही है।
अस्पताल में भर्ती पोप फ्रांसिस की सेहत में सुधार हो रहा है। इस बीच वेटिकन में हजारों लोगों ने पोप के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना की है। डॉक्टरों ने इससे पहले बताया था कि पोप के सामने मुख्य खतरा ‘सेप्सिस’ है।
पोप फ्रांसिस की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। वह पिछले एक हफ्ते से फेफड़ों में गंभीर संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं। डॉक्टरों ने बताया उन्हें खून की कमी से जुड़ी समस्या भी है जिसके चलते उन्हें खून चढ़ाया गया है।
वैटिकन ने रहस्यमयी घटनाओं के मूल्यांकन को लेकर मानदंडों में सुधार किया है। वैटिकन ने कहा कि धोखेबाज, लोगों की मान्यताओं से भी ठगी करने की कोशिश करते हैं।
ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने एक साक्षात्कार में इस बात की मंशा जाहिर की है कि अपनी मृत्यु के बाद वे कहां दफन होना चाहेंगे। उन्होंने वेटिकन को लेकर भी अपनी मंशा जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें वेटिकन सिटी के बाहर दफन किया जाए। जानिए वे ऐसा क्यों चाहते हैं?
पोप फ्रांसिस इन दिनों आंत की एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। इसके चलते उन्हें वेटिकन सिटी के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। डॉक्टरों के अनुसार पोप फ्रांसिस की आंतों में संकुचन और दर्द की समस्या है।
Vatican City Pope Francis: पोप ने कहा कि वह ये सब बोलते हुए केवल आपराधिक पोर्नोग्राफी की बात नहीं कर रहे हैं, जिसमें बच्चों के साथ होने वाला शोषण भी शामिल है।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़