लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी ने 16 उम्मीदवारों की नई लिस्ट को जारी कर दिया है। इस लिस्ट के मुताबिक मनीष तिवारी चंडीगढ़ से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वहीं कंगना रनौत के खिलाफ पार्टी ने मंडी लोकसभा सीट से विक्रमादित्य सिंह को मैदान में उतारा है।
कंगना रनौत और विक्रमादित्य सिंह के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। कंगना रनौत ने विक्रमादित्य की तुलना छोटा पप्पू से की और कहा कि ये तुम्हारे बाप-दादा की रियासत नहीं है कि तुम मुझे डरा-धमका के वापस भेज दोगे। अब इस पर विक्रमादित्य ने भी फिल्मों की क्वीन को नसीहत दे डाली।
देशभर में कंगना रनौत के कारण पहले ही हॉट सीट बन चुकी मंडी में अब मुकाबला और भी ज्यादा रोचक हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस इस सीट से विक्रमादित्य सिंह को लोकसभा चुनाव लड़वाना चाहती है।
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। सुक्खू सरकार पर मंडरा रहा खतरे का बादल अबतक टला नहीं है। इस बीच दिग्विजय सिंह ने बयान देते हुए कहा कि सही समय पर बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
धर्मपुर की जनसभा में सीएम सुक्खू ने कांग्रेस के बागी विधायकों को काला नाग बताया था। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर यही बात दोहराई और कहा कि पार्टी को जो लोग धोखा देते हैं, वह काला नाग होते हैं।
कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल में डैमेज कंट्रोल का दावा किया था। लेकिन विक्रमादित्य सिंह के एक और कदम उठाया है जिसके बाद एक बार फिर से हिमाचल की राजनीति में नए उठापटक को लेकर कयास शुरू हो गए हैं।
पिछले दिनों विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे के वक्त मीडिया से कहा था कि सरकार सभी के योगदान से बनी है, लेकिन विधायकों की अनदेखी की गई और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई।
विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीएम की कार्यप्रणाली से कई विधायक नाराज थे और अब हालात सही नहीं थे।
हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर अब संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने सुक्खू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है।
विक्रमादित्य सिंह और सुदर्शना कुमारी की 8 मार्च 2019 को शादी हुई थी। यह शादी हिंदू रीति से राजस्थान के कणोता गांव में हुई थी। शादी के बाद कुछ समय तक पारिवारिक जिंदगी अच्छी बीती लेकिन फिर दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई।
भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट मुकाबला 2 फरवरी से खेला जाएगा। इससे पहले सबसे बड़ा सवाल यही है कि टीम की प्लेइंग इलेवन क्या होगी।
एक ओर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकरा दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है।
चंद्रमा की सतह पर पिछले दो हफ्ते से निष्क्रिय पड़े लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को एक्टिव करने की कोशिश इसरो के वैज्ञानिकों ने शुरू कर दी है। फिलहाल लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की तरफ से कोई सिग्नल नहीं मिला है।
चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में अब सूर्योदय हो गया है। ऐसे में इसरो की ओर से 22 सितंबर को चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से संपर्क करने की कोशिश की जाएगी। अगर ऐसा हो जाता है तो चांद से इसरो को और अधिक डेटा मिल सकता है।
चंद्रमा पर 14 दिनों तक धूप और 14 दिनों तक अंधेरा रहता है। चंद्रयान मिशन-3 का प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर अभी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद हैं और सूर्योदय होते ही इनके फिर से चार्ज होने की उम्मीद है।
चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर कीर्तिमान रच दिया। चंद्रमा पर अभी रात का समय चल रहा है और 22 सितंबर को वहां सूरज की रौशनी होगी तो क्या फिर से रोवर एक्टिव हो जाएगा। कोरियाई मून मिशन ने तस्वीरें भेजी हैं।
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने पहले कहा था कि चंद्र मिशन के रोवर और लैंडर चंद्रमा की रात में निष्क्रिय हो जाएंगे। इसके 14 दिनों बाद जब वहां उस्बह होगी तब इनके सक्रिय होने की उम्मीद है।
भारत का चंद्रयान-3 मिशन चांद पर अपनी सभी अपेक्षाओं पर खड़ा उतरा है। प्रज्ञान रोवर सभी अहम जानकारियों को ट्रांसफर कर के स्लीप मोड में जा चुका है। वहीं, विक्रम लैंडर ने एक और करतब दिखाया है।
चंद्रयान 3 ने चंद्रमा पर पहली बार प्राकृतिक भूकंपीय गतिविधियों के रिकॉर्ड किया है। इसरो के अनुसार चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर और लैंडर विक्रम ने भूकंपीय गतिविधियों को दर्ज किया है। इसरो ने कहा कि यह घटना प्राकृतिक प्रतीत होती है। इसके सभी स्रोतों की जांच की जा रही है।
भारत अब तक चांद पर तीन मिशन भेज चुका है। साल 2008 में चंद्रयान-1 को लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग कराई गई थी जिससे चांद पर पानी के बारे में पता चला था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर पाया। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करते ही भारत ने रिकॉर्ड बना दिया।
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