Friday, April 26, 2024
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बंगाल के राज्यपाल के निर्देश की अनदेखी, कुलपतियों को भेजा गया कारण बताओ नोटिस, जानें पूरा मामला

पश्चिम बंगाल के राजभवन की ओर से 4 अप्रैल को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: May 25, 2023 6:18 IST
बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदा बोस- India TV Hindi
Image Source : IANS बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंदा बोस

पश्चिम बंगाल के गवर्नर हाउस ने राज्यपाल सीवी आनंदा बोस के निर्देश की अनदेखी करने पर राज्य की सभी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और यूनिवर्सिटी मामलों पर साप्ताहिक रिपोर्ट राजभवन को सौंपने का निर्देश दिया है। इनमें राज्य की 6 यूनिवर्सिटीज- काजी नजरुल यूनिवर्सिटी, सिधो कान्हो बिरसा यूनिवर्सिटी, बिधान चंद्र कृषि  यूनिवर्सिटी, पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय, कल्याणी विश्वविद्यालय और बर्दवान विश्वविद्यालय हैं।

कुलपतियों को भेजा गया था रिमाइंडर

गवर्नर हाउस ने 4 अप्रैल को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को एक साप्ताहिक रिपोर्ट राजभवन को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। इसमें कुलपतियों को वित्त संबंधी सभी मामलों में राजभवन से पूर्व सहमति लेने के लिए भी कहा गया था। हालांकि, साप्ताहिक रिपोर्ट सौंपने को लेकर विश्वविद्यालयों की ओर से अनिच्छा दिखाए जाने को ध्यान में रखते हुए राज्यपाल के विशेष सचिव के कार्यालय द्वारा 22 मई को कुलपतियों को एक रिमाइंडर भी भेजा गया था।

अधिकार क्षेत्र से बाहर की कार्रवाई- शिक्षा मंत्री

कोई जवाब नहीं मिलने के बाद अब गवर्नर हाउस ने राज्य के 6 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बता दें कि इस मुद्दे पर गवर्नर हाउस और राज्य के शिक्षा विभाग के बीच एक शीतयुद्ध पहले ही शुरू हो चुका है। शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बोस के कदम को उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर की कार्रवाई बताया है। राज्यपाल राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति होते हैं। 

राज्यपाल की यात्राओं पर बंगाल सरकार की आपत्ति 

बसु ने यह भी कहा था कि उनका विभाग इस मामले में कानूनी जानकारों से परामर्श कर रहा है। इससे पहले राज्य के शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच राज्यपाल द्वारा राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में गतिविधियों की समीक्षा के लिए बार-बार दौरा करने पर विवाद छिड़ गया था। राज्य सरकार ने बोस की यात्राओं पर आपत्ति जताते हुए दावा किया है कि शिक्षा विभाग को पूर्व सूचना दिए बिना राज्यपाल को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए था।

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